ओबैदुल्लागंज,,,,जब जब भी किसी भी धर्मस्थान पर जाते है मंदिर आदि में जाते है तो हमारे भाव होना चाहिए की हम स्मावसरण में बैठे हे यह हमारा शौभाग्य है उक्त बात नगर में आयोजित श्री पंचकल्याणक महामहोत्सव के दौरान मुनि श्री संस्कार सागर जी में कही।
      इस अवसर पर मुनि श्री ने कहा की जिन जीव का पुण्य कर्म होता हे बही स्मावसरण में बैठ पाता है इस संवसर्ण में नरकीय जीव नही बैठ पाते है।
      साथ ही मुनि श्री ने कहा की जब व्यक्ति का पुण्य कर्म होता है तभी बह सत कार्य कर पाता हे जिसका पुण्य कर्म नही होता भाव पवित्र नही होते बो जीवन में कितना भीं पुरषार्थ कर ले पर किसी तरह का लाभ नहीं मिल पाता हे।
      इस के पूर्व सुबह की मंगल बेला में मुनि श्री संस्कार सागर जी ,मुनि श्री विश्व सूर्य सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में इस अनुष्ठान का ध्वजा रोहन संतोष जैन पर्वशान्ति परिवार के द्वारा किया गया।
      बही दोपहर के मंगल बेला में याग मंडल विधान का आयोजन बाल ब्रह्मचारी प्रतिष्ठाचार्य शोभित भईया मड़ावरा,पंडित छोटू के द्वारा संपन्न कराया।
     इसी अवसर पर मुनि श्री संस्कार महाराज जी ने जगत जननी माता मरु देवी के गर्भ की पूर्व क्रिया के बारे में विस्तार से समझाया।

न्यूज़ सोर्स : ipm