कभी कभी राजनितिक लालसा सिर चढ़कर बोलने लगती है, ऐसा लगने लगता है मानो वे ही जिले में अपनी पार्टी के सर्वेसर्वा है और इसके चलते अनेक बड़े नेताओं को दरकिनार करके चलने लगते है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि क्षेत्र कोई भी हो परवान चढ़ा हुआ सूरज अस्त होता ही है। बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनितिक श्रेय की मुहर लगाने की जल्दबाजी का एक उदाहरण आचार संहिता लगने के पूर्व सामने आया है। हम यह नहीं कहते कि लांजी से गोंदिया आमगांव रोड़ किसी और नेता के द्वारा निर्माण हेतु प्रयास किया गया हो बेशक यह सड़क रामानुज तिड़के और एक कांग्रेसी बाशिंदे के द्वारा दिन रात एक करके निकाली गई थी और इसके लांजी किरनापुर विधायक सुश्री हिना कावरे ने ही लेकर आयी थी लेकिन इस बार जो जल्दबाजी इस सड़क के अधूरे निर्माण को लेकर दिखाई दे रही है वह निश्चित ही चुनावी परेशानी की तरफ ईशारा कर रही है। वरना कौन अधूरे कार्य का आचार संहिता के डर से शुभारंभ करता। यह परेशानी क्षेत्र में अब तक आग उगल रहे सूरज के अस्त होने की तरफ ईशारा कर रहा है। पिछला चुनाव जिन मुद्दो के बीच लड़ा गया उसमें इस सड़क के निर्माण का ख्वाब भी शामिल था, तो इस चुनाव में भी इस सड़क का श्रेय लेकर लोगों को अहसान तले दबाने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसे क्षेत्र की सक्रिय जिला पंचायत सदस्य ज्योति उमरे पूरी तत्परता से लांजी गोंदिया राजमार्ग के अधूरे निर्माण के शुभारंभ के विरोध में जुट गई है। आपकों बता दें कि लांजी से चिखलामाली लांजी घाट तक लगभग 13 किलोमीटर 13 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित हुए राजमार्ग का शुभारंभ 7 अक्टूबर 2023 शनिवार को किया दोपहर 02 बजे किया जाना है, जिसका विरोध करते हुए जिला पंचायत सदस्य ज्योति उमरे ने कलपाथरी पंहुचकर करते हुए कहा कि जब यह राजमार्ग पूरा बना ही नहीं है तो फिर शुभारंभ कैसा ? कलपाथरी से यह निर्माण अधूरा है और ऐसे में इस सड़क का शुभारंभ करवाकर विधायक हिना कावरे आखिर साबित क्या करना चाहती है, ज्योति उमरे ने कहा कि इसलिए अगर इस सड़क का शुभारंभ किया जाएगा तो निश्चित ही वे स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर   इसका विरोध करेंगी।

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