भोपाल । प्रदेश के रतलाम, मंदसौर व झाबुआ जिले से गुजरने वाले नई दिल्ली-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेस वे पर पहले दिन से ही टोल-टैक्स लगेगा। वहीं स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए इस एक्सप्रेस-वे के मप्र के हिस्से में वाहनों का आवागमन 20 सितंबर से अधिकृत रूप से शुरू हो जाएगा। एक्सप्रेस वे के मप्र के हिस्से का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की संभावना थी। इसके चलते जुलाई माह से एनएचएआई के अधिकारी तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब बगैर किसी आयोजन के आवागमन चालू कर दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया के एक्सप्रेस-वे एनई-4 की दिल्ली से मुंबई तक की कुल दूरी 1380 किलोमीटर है। इसमें मप्र के 244.5 किलोमीटर के हिस्से में रतलाम जिले में 90, झाबुआ जिले में 50.95 व मंदसौर में 102 किमी लंबा हिस्सा है। एक्सप्रेस-वे से मुंबई से दिल्ली के सफर में 12 से 13 घंटे लगेंगे। अभी करीब 22 घंटे लग जाते हैं। खास बात यह है कि रतलाम से मुंबई या दिल्ली के लिए समान रूप से छह से सात घंटे का समय लगेगा। 120 किमी की स्पीड से वाहन इस एक्सप्रेस वे पर चलेंगे और टू-व्हीलर को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इससे ज्यादा की स्पीड पर चालान कटेगा। स्पीड पर नियंत्रण के लिए पूरे मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। एक्सप्रेस-वे पर टोल दर लागत पर आधारित होगी। जिस खंड में पुल-पुलियाए व इंटरचेंज ज्यादा होंगे वहां टोल ज्यादा लगेगा। दौसा वाले हिस्से के मान से कार व हल्के वाहनों के लिए टोल 2.20 रुपये से 2.25 रुपये प्रति किलोमीटर तक की दर हो सकती है। बड़े यात्री वाहन, ट्रक के लिए यह 7 से 7.35 रुपये तक होने की संभावना है। विभागीय स्तर पर दरों की जानकारी भी सार्वजनिक सूचना के जरिये दी जाएगी। एक्सप्रेस वे पर दिल्ली व मुंबई के मध्य रतलाम के होने से इसका सर्वाधिक लाभ मिलेगा। खास बात यह है कि रतलाम से धामनोद के समीप होकर व जावरा के भूतेड़ा के समीप इंटरचेंज होने से दो स्थानों से वाहनों की एक्सप्रेस वे पर आवाजाही हो सकेगी। इससे बांसवाड़ा, उज्जैन, आगर, इंदौर से आने वाले वाहन भी रतलाम या जावरा होकर ही निकलेंगे। रतलाम में बनने वाले मेगा इंडस्ट्रियल पार्क को भी एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा। इससे व्यापारिक व आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। इस बारे में प्रोजेक्ट मैनेजर रविंद्र गुप्ता का कहना है कि एक्सप्रेस वे पर वाहनों की आवाजाही 20 सितंबर से हो सकेगी। निर्धारित दरों के मान से ही टोल वसूली होगी। अलग-अलग सेक्शन में अलग-अलग दर है।