बालाघाट {वारासिवनी} । बालाघाट से महज सोलह किलोमीटर दूर केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के ग्रहग्राम के करीबी ग्राम पाथरी फोगलटोला की पुष्पा नोकलाल पटले राखी के दिन अपने भाई को राखी बांधने जाने के दौरान रास्ते में शराब के नशे में चल रहे व्यक्तियों को बचाने के चलते खुद हादसे का शिकार हो गई। ग्रामीणों द्वारा उन्हे वारासिवनी अस्पताल ले जाया गया,लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक न होने से उन्हे बालाघाट रेफर किया गया, बालाघाट में भी बदहाल सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के चलते गोंदिया रेफर कर दिया गया। गोदिया में आयुष्मान कार्ड सुविधा वाले अस्पताल में कागजी कार्यवाही एवं आपरेशन में लेटलतीफी के कारण मजबूरी में गोंदिया के निजी यूनाइटेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। परिवार के कोई सदस्य नहीं थे सिर्फ एक बेटी एवं एक रिश्तेदार के आव्हान पर डॉक्टर ने मानवता का परिचय देते हुए सर का गंभीर ऑपरेशन करने के लिए तैयारी की । डॉक्टर ने आश्वासन दिया कि उनके अस्पताल में मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से सहायता के लिए आवेदन हो सकता है। ऐसी स्थिति में पुष्पा की बेटी ने अपने ग्राम वालों एवं रिश्तेदार से चंदा जमा कर 2 लाख रूपये की व्यवस्था की। आपरेशन हो जाने के बाद रिश्तेदार बालाघाट के विधायक एवं केबिनेट मंत्री गौरीशकर बिसेन के बंगले गए वहां से सीएम रिलिफ फंड के लिए आवेदन भेजा गया। लेकिन हद तो तब हो गई जब सरकार की योजनाओं को जमीन पर बगैर जुगाड़ के पहुंचाने वाली सरकार के सीएम हाउस ने उस आवेदन को बगैर वेरिफिकेशन किये इस लिए फेल कर दिया कि पेसेंट के फोन से संपर्क नहीं हो सका। जबकि पेसेंट के मोबाइल पर सिर्फ मिस्ड काल आया था न तो अस्पताल में फोन आया न ही सही से पेंसेट के मोबाइल पर, ऐसे में पुष्पा का परिवार बहुत परेशानी में है। पति नोकलाल को भी चोटें आई हैं एवं उसके भी दांत टूट चुके है इलाज चल रहा है। पुष्पा का अभी भी इलाज चल रहा है , पांच लाख से अधिक का इलाज हो चुका है। अब परिवार ग्रामीणों एवं अस्पताल की उधारी चुकाने अपनी एक एकड़ जमीन में से कुछ जमीन बेचने को मजबूर है। सवाल यह है कि लाड़ली बहनों की सुरक्षा का दावा करने वाली सरकार का कोई प्रतिनिधि न परिवार से मिलने आया न उनकी खोज खबर ले रहा है। किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता न मिलने से दुखी बेटियों ने अपने मामा शिवराज से अपील की है कि मेरी मम्मी को बचाने हमारी सहायता करें, एवं हमारी जमीन बिकने से बचा लिया जाए अन्यथा हम इतने छोटेपन में कहां कमाने जाएंगे।

 

न्यूज़ सोर्स : ipm