विज़ी लवानिया
बचपन से गाय पर निबंध लिखने के लिए उत्तर पुस्तिकता में आते रहे हैं। गौहरगंज, औबेदुल्लागंज व आस-पास में गायों की सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल होने व तस्करी के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। गौहरगंज में आज (शनिवार) को लगभग 40 से 45 गाय, बैल व बछड़ों को कुछ लोग घेरकर मुरारी नामक ग्राम ले जा रहे थे। उनसे पूछताछ में पुलिस जुटी है। बता दें कि गोवंश पशु (वध का प्रतिषेध और अस्थायी प्रवासन या निर्यात का विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत राज्य में गोवंश की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध है। गोवंश के मांस की बिक्री और परिवहन वर्जित है। ऊक्त कानून की अवहेलना करने पर दो वर्ष तक के कठोर कारावास और 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। ऊक्त कानून के तहत अधिकत्तर लोग जेल से जल्दी बाहर आ जाते हैं, फिर दौबारा उसी कार्य में लग जाते हैं। गाय या गौवंश को भाजपा के राज्य में ऐसी दुर्दशा पहले कभी देखने या सुनने में नही आई। हाल ही में हुईं ऊक्त घटनाओं से लोगों में आपसी वैमनस्यता तो बढ़ ही रही है साथ ही व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इतनी संख्या में गाय कहाँ से आती हैं और कहां ले जाई जातीं हैं कुछ पता नही। गौ-पालकों द्वारा सड़क पर इन्हें छोड़ दिया जाता है, जिससे यह रास्ता भटकते हुए दूर निकल जातीं हैं। दुर्घटना में प्रशासन की सख्ती के कारण गौ-पालक सामने नही आते। गौशालायें खुलवाई तो गईं हैं पंरन्तु कोई खास सुविधाएं नही हैं। कुछ उजाड़ पड़ी हैं तो, कुछ बनने की कगार पर वर्षों से हैं। यह छोटी घटनाएं प्रशासन की नाक में दम कर सकती हैं। जनवरी 2023 में गुजरात के तापी कोर्ट ने गो तस्करी के मामले में आरोपी 22 साल के युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा है कि गाय केवल एक पशु नहीं, मां है। जज ने अपने फैसले में पशु तस्करी की घटनाओं को समाज के लिए शर्मनाक बताया और यह भी कहा है कि गो हत्या बंद हो जाए तो पृथ्वी की सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी। ऐसे फैसले प्रत्येक प्रदेश में होने लगें तो सच में गायों की प्रजाति को बचाया जा सकता है। आगे सरकार जो चाहे। शानिवार सुबह नाहर फेक्ट्री के सामने, अमोदा ग्राम के पीछे हाइवे 45 के एचपी पेट्रोल पंप के सामने एवं सागर फेक्ट्री के सामने कई अनियंत्रित ट्रक कई गाय, बछड़ों व बेलों रौंद गया। यह जानबूझकर किया जा रहा है या अनजाने में इसका उत्तर कौन दे।

न्यूज़ सोर्स : ipm