प्रयागराज: जिला न्यायालय की विशेष अदालत (एससीएसटी) अनिरूद्ध तिवारी ने उमेश पाल हत्याकांड के दो आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। इसमें अतीक का बहनोई अखलाक अहमद उर्फ एखलाक अहमद और डाईवर मो. कैश शामिल हैं। न्यायालय ने कहा कि दोनों पर गंभीर प्रकृति के आरोप हैं। लिहाजा, वे जमानत पाने के हकदार नहीं है। याचियों की ओर से कहा गया कि वह निर्दोष हैं। उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उनका नाम इस केस की विवेचना के दौरान शामिल किया गया है। जबकि, उनका कोई लेना देना नहीं है।

पुलिस उन्हें इसलिए फंसा रही है कि वह अतीक के रिश्तेदार और दूसरा ड्राइवर है। अतीक के बहनोई के अधिवक्ता ने कहा कि वह मेरठ में सरकारी चिकित्सक हैं। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। न ही वह कभी इस तरह की गतिविधियों में शामिल रहें। कोर्ट ने तर्कों को सुनने के बाद कहा कि अपराध की प्रकृति और सजा की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपी जमानत पाने के हकदार नहीं है।

उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी 2023 को अतीक अहमद के बेटे सहित उसके गुर्गों ने कर दी थी। मामले में धूमनगंज थाने में 302 सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज है। पुलिस अब तक इस मामले में कई आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो गया है। कोर्ट ने उसका संज्ञान लेते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दी है। एखलाख और मो. कैश दोनों जेल में बंद हैं।