नई दिल्ली। हाल के दो घटनाक्रम ने अनेक देशों के सामने खाद्य सुरक्षा का संकट खड़ा कर दिया है। पहली घटना में रूस ने 17 जुलाई को ‘ब्लैक सी ग्रेन इनीशिएटिव’ को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये की मध्यस्थता के बाद यूक्रेन से अनाज निर्यात के लिए वह इस पहल पर राजी हुआ था। यूक्रेन से गेहूं निर्यात वाले सबसे बड़े ओडेसा बंदरगाह पर उसने हमला भी किया है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में करीब 10% की वृद्धि हुई है। मक्के की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। दूसरी घटना में भारत ने 20 जुलाई को गैर बासमती सफेद चावल (नॉन बासमती व्हाइट राइस) के निर्यात पर रोक लगा दी। सरकार का कहना है कि घरेलू बाजार में चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। बीते एक साल में घरेलू बाजार में चावल के खुदरा दाम 11.5% और महीने भर में 3% बढ़े हैं। विशेषज्ञ इस खाद्य सुरक्षा संकट के पीछे तीन प्रमुख कारण मानते हैं- जलवायु परिवर्तन, आबादी में वृद्धि और भू-राजनैतिक तनाव। 

दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में 300 करोड़ लोगों का मुख्य भोजन चावल है और भारत इसका सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत 2011 में थाईलैंड और वियतनाम को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक बन गया था। दुनिया के कुल चावल निर्यात में भारत का हिस्सा 40% के आसपास है। 2022-23 में भारत ने कुल 223 लाख टन चावल का निर्यात किया था। इसमें गैर बासमती सफेद चावल की मात्रा 68.93 लाख टन थी। पिछले साल भारत के चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद और टूटे चावल का हिस्सा लगभग 100 लाख टन था।

पिछले साल लगा था 20% निर्यात शुल्क

पिछले साल 8 सितंबर को गैर बासमती सफेद चावल पर 20% निर्यात शुल्क लगाया गया था। इसका उद्देश्य घरेलू महंगाई पर अंकुश लगाना और 1.4 अरब लोगों की आबादी के लिए पर्याप्त खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करना था। लेकिन शुल्क लगाने के बावजूद इसका निर्यात बढ़ गया। सितंबर-मार्च 2021-22 में इस किस्म के 33.66 लाख टन चावल का निर्यात किया गया था, जबकि सितंबर-मार्च 2022-23 में 26% अधिक, 42.12 लाख टन चावल का निर्यात हुआ। मौजूदा वित्त वर्ष में भी अप्रैल से जून के दौरान पिछले साल की समान अवधि के 11.55 लाख टन की तुलना में 15.54 लाख टन गैर बासमती सफेद चावल का निर्यात हुआ है। यानी इस साल भी इस में 35% की वृद्धि हुई है।

न्यूज़ सोर्स : AGENCY