औबेदुल्लागंज। राजधानी भोपाल के समीप  स्थित सबसे मालदार  भोजपुर विधानसभा में इस बार भाजपा में कुछ नया होते नहीं दिख रहा है, वहीं  नये एवं स्थानीय उम्मीदवार उतारना कांग्रेस की मजबूरी हो गई है। सूत्रों के अनुसार इस बार कांग्रेस इस सीट से किसी महिला चेहरे को उतारकर महिला नेतृत्व को ला सकती है। वैसे भी भोजपुर में अभी तक कोई भी महिला विधायक नहीं रही है  ऐसे में कांग्रेस चाहेगी कि जो भाजपा ने लाड़ली बहना योजना से सकारात्मक माहौल बनाया है उसे ध्वस्त करते हुए जीत दर्ज की जा सके।   अगर यह संभव न हुआ तो इस बार मण्डीदीप के पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष बद्री सिह चौहान  को मैदान में उतार सकती है। सूत्र तो यह भी बताते है कि दादा को संकेत भी मिल चुके हैं जिससे उन्होने फिल्ड पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।  भोजपुर क्षेत्र में 1967 से अब तक पिछले 51 सालों में 11 चुनाव और 2 उपचुनाव हुए हैं। इनमें जीत के लिए कांग्रेस ने हर तरह के हथकंडे अपनाए।1967 से 77 तक गुलाबचंद तामोट के बाद राजेश पटेल 2003 तथा 2008 को छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस ने यहां से किसी भी नेता को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया था।

भोजपुर विधानसभा से अब तक इनको मिला मौका
भोजपुर विधानसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई तब से अब तक हुए 14 चुनावों में अब तक कांग्रेस ने सबसे पहले गुलाब चंद्र तामोट, असलम शेर खान, अकबर खान, राजकुमार पटेल, अजय सिंह, भूपत सिंह पटेल, विजय धाकड़, शालीगराम श्रीवास्तव, राजेश पटेल और सुरेश पचौरी को उम्मीदवार बनाया।

 

 

 

न्यूज़ सोर्स : PUBLIC POLL