रेलवे बोर्ड के संचालन और व्यवसाय विकास सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि मालगाड़ी लूप लाइन पर खड़ी थी, इसके बावजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस को ग्रीन सिग्नल मिला। इसके चलते कोरोमंडल ट्रेन पटरी से उतर गई।उन्होंने बताया कि रेलवे ने हादसे के बाद सबसे पहले राहत और बचाव कार्य किया। उसके बाद मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।

बहानागा स्टेशन पर 4 लाइनें हैं। इसमें दो मेन लाइन है। लूप लाइन पर एक मालगाड़ी थी। स्टेशन पर ड्राइवर को ग्रीन सिग्नल मिला था। दोनों गाड़ियां अपने पूरे गति पर चल रहीं थी। प्रारंभिक जांच में लग रहा है कि सिग्नल में गड़बड़ी हुई है। घटना की चपेट में सिर्फ कोरोमंडल एक्सप्रेस आई थी।

आने वाले समय में 'कवच' का करेंगे निर्यात

जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि 'कवच' भारत में बनाया गया सिस्टम है। आने वाले भविष्य में हम इसका निर्यात भी कर सकेंगे। ये रेल की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए हमने इसकी कड़ी टेस्टिंग की है। रेल मंत्री ने खुद ट्रेन में बैठ कर इसकी जांच की है। इस यंत्र को सभी लाइनों और ट्रेनों में लगाने में समय और पैसा लगेगा।

आज शाम के करीब आठ बजे तक दो लाइनें हमें मिल जाएंगी, जिस पर गाड़ी धीमी गति से निकलनी शुरू हो जाएगी। मामले की जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया लगता है कि सिग्नल के कारण कोई समस्या हुई होगी।

ओडिशा ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या हुई 275

ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने बताया कि कल रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है। कल रात DM और उनकी पूरी टीम ने एक-एक शव की जांच की। DM द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है। 1,175 घायलों में से 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। 

 

न्यूज़ सोर्स : ipm