पूरे देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए पूरे देश में योजना चलाई जा रही है, ताकि गांव के हर घर में शौचालय बनाये जाएं। साथ में बने बनाये शौचालयों का खुलकर ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो। ऐसे घरों और गांव के लोग खुले में शौच के लिए न जायें। शौचालय में दरवाजा बंद करके बैठें। लोगों की सोच और व्यवहार में बदलाव लाने के उद्देश्य से जागरुकता का यह अभियान शुरु किया जा रहा है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक देश के लगभग डेढ़ लाख गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने में सफलता मिल चुकी है। कई ऐसे गांव और जिले हैं, जहां शौचालय तो बना दिये गये हैं, लेकिन लोग अभी भी खुले में शौच के लिए जाते हैं। 

 इस धारणा को तोड़ने  बालाघाट जिले के ग्राम कुम्हारी के दिव्यांग #तुषार_उराडे ने खुले में शौच करने वालों को रोकने के लिए सीटी बजाकर अपने गांव को खुले में शौच मुक्त करा दिया, जिसकी सराहना वर्ष 2017 में माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने #MannKiBaat कार्यक्रम में की थी। तुषार के इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें बालाघाट शहर में स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर हम बना रहे हैं। तुषार सभी को शहर में स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करेंगे। नए और समर्थ भारत के स्वप्न को साकार करने में अपनी भूमिका निभा रहे तुषार से हम सभी प्रेरणा लें और स्वच्छता अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करना बंद करें, कचरा बाहर फेंकना बन्द करें और सूखा-गीला कचरा अलग-अलग कर स्वच्छ बालाघाट बनाने में महती भूमिका निभाएं।

Bharti Thakur 
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