भोपाल  । मध्य प्रदेश सरकार ने ग्राम सरकार के अधिकार बढ़ाए हैं। इसी के चलते अब ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र में पटवारी की रिपोर्ट पर वृक्ष काटने की अनुमति दे सकेगी। अब तक इस तरह की अनुमति जारी करने का अधिकार तहसीलदार के पास था। इसके लिए राजस्व विभाग ने मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता विविध नियम- 2020 में बदलाव किया है। गांवों में खेतों की मेढ़ों एवं अन्य जगह गैर फलदार छोटे कंटीले पेड़ आदि लगे रहते हैं। कई बार इससे किसान परेशान होने लगते हैं। पहले इन्हें काटने के लिए ग्रामीणों को तहसीलदार के कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ते थे। इससे धन एवं समय की काफी बर्बादी होती थी। ग्रामीणों को इससे बचाने के लिए यह नई व्यवस्था की गई है। नए प्रविधान में कहा गया है कि किसान की कृषि भूमि पर वृक्ष काटने की अनुमति ग्राम पंचायत तथा दखलरहित भूमि (ऐसी भूमि जो सरकारी होती है) पर वृक्ष काटने की अनुमति जिला कलेक्टर देंगे। इसके लिए राजस्व विभाग के सारा पोर्टल (स्मार्ट एप्लीकेशन फार रेवेन्यू एडमिनिस्ट्रेशन- एसएएआरए) पर आवेदन करना होगा। इस पोर्टल से आवेदन वन विभाग के पोर्टल पर जाएगा तथा वहां से काटे गए वृक्षों के परिवहन के लिए आनलाइन ही ट्रांजिट परमिट आ जाएगा। ग्राम पंचायत द्वारा दिए गए वृक्ष को काटने के आदेश के विरुद्ध एसडीएम के समक्ष अपील की जा सकेगी। इस पर एसडीएम का आदेश अंतिम होगा यानी फिर कोई दूसरी अपील नहीं हो सकेगी। G-20 Meeting: एयरपोर्ट पर दिखी मप्र की संस्कृति की झलक G-20 Meeting: एयरपोर्ट पर दिखी मप्र की संस्कृति की झलक यह भी पढ़ें ग्रामीणों की सुविधा को देखते हुए वृक्ष काटने की अनुमति देने का अधिकार ग्राम पंचायत को दिया गया है। पहले तहसीलदार के पास आवेदन करना होता था, लेकिन अब आवेदन करने पर पंचायत वृक्ष काटने की अनुमति दे सकेगी। सरकारी भूमि पर वृक्ष काटने के लिए पूर्व की तरह कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। - मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव, राजस्व, मध्य प्रदेश

न्यूज़ सोर्स : ipm