उज्जैन ।    विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर एकाग्र विक्रमोत्सव 2024 का शुभारंभ डॉ. मोहन यादव द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम 1 मार्च 2024 को कालिदास अकादमी, उज्जैन में आरंभ हुआ।  इस अवसर पर उज्जयिनी विक्रम व्यापार मेला, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा पर केन्द्रित कॉफी टेबल बुक आर्ष भारत, विक्रम पंचांग (विक्रम सम्वत् 2081) का लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही स्वराज संस्थान संचालनालय के प्रकाशन मध्य प्रदेश में स्वासधीनता संग्राम मंडला-डिंडोरी, दतिया, जबलपुर, सतना एवं रामराजा (लेखक- पी. नरहरि एवं ऋषिकेश पाण्डेय) पुस्तक का विमोचन तथा ओरछा के राजाराम ऑडियो सीडी का लोकार्पण किया गया।  महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया आज युगयुगीन भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता को रेखांकित करने वाले वीर भारत संग्रहालय का संकल्प न्यास किया गया। पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्ययुग और पराधीनता के विरुद्ध सिंहनाद करने वाले तेजस्वी नायकों, मंत्र द्रष्टा ऋषियों, संतों, मनीषियों और आज़ादी के रणबाँकुरों के अनुपम योगदान पर केंद्रित यह संग्रहालय देश और दुनिया में सर्वथा अनूठा और सर्वप्रथम हुआ है।