वॉशिंगटन  । नौकरियों के बाजार में दुनियाभर में बदलाव हो रहे हैं। नई तरह की नौकरियां बढ़ रही हैं। कई पारंपरिक नौकरियां खत्म होती जा रही हैं।
वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2023 के अनुसार, अगले 5 साल में दुनिया भर में 8 करोड़ 30 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी और 6 करोड़ 90 लाख नई नौकरियां तैयार होंगी। यानी आज के मुकाबले 2027 तक 1.40 करोड़ नौकरियां कम हो जाएंगी। आने वाले 5 सालों में डिजिटल कॉमर्स, एजुकेशन और कृषि के क्षेत्र में रोजगार के मौके तेजी से बढ़ेंगे, जबकि ऐसे काम जिनमें ज्यादा शारीरिक मेहनत की जरूरत पड़ती है वे या तो एआई के जरिए किए जाएंगे या फिर रोबोट के जरिए ऑटोमेशन से होंगे। दुनिया में 23 प्रतिशत और भारत में 22 प्रतिशत नौकरियों में बदलाव होंगे। रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरण को बचाने के लिए गैरपारंपरिक ऊर्जा पर आधारित रोजगार बढ़ेंगे, जबकि सप्लाई चेन का लोकलाइजेशन होगा।
वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम ने यह रिपोर्ट दुनियाभर की 803 कंपनियों पर सर्वे करने के बाद तैयार की है। इसमें कहा गया है कि जैसा कि समझा जा रहा है कि बढ़ती तकनीक की वजह से नौकरियां जाएंगी। यह पूरा सच नहीं है। नौकरियों की संख्या में कमी होने की और भी कई वजहें हैं। इनमें एक बड़ी वजह कौशल की कमी है। नई तरह की नौकरियों में नए स्किल्स की जरूरत है। इसके लिए तैयारी नहीं है।
कर्मचारियों को नौकरियों की जरूरत के अनुसार तैयार होने में समय लगेगा। यह वजह है कि बेरोजगारी और कामगारों की कमी एक साथ देखने को मिल रही है। अगले 5 साल में भी यह हाल बने रहेंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 44 प्रतिशत कर्मचारियों को रोजगार में बने रहने के लिए अपनी स्किल बढ़ानी होगी।
अगले 5 सालों में डिजिटल कॉमर्स में करीब 20 लाख और नौकरियां बढ़ेंगी। हालांकि सबसे ज्यादा ्रढ्ढ और मशीन लर्निंग विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ेगी। सूचना सुरक्षा विशेषज्ञों, बिजनेस एनालिस्ट की नौकरियों में लगातार इजाफा होगा, लेकिन 2027 तक 10 में से 6 कर्मचारियों को खास ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी।