"बुद्धिजीवी चाहिए, लेकिन कर्मठ बुद्धिजीवी"

चंदेला-बुंदेला तालाबों के पुनरुद्धार व जल संरक्षण पर ओरछा में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ, स्वयंसेवी व कॉर्पोरेट CSR संगठनों के साथ समृद्ध विरासत को पुनर्जीवित करने की रूपरेखा पर मंथन किया। 'जल पुरुष' डॉ. राजेंद्र सिंह जी साथ रहे।
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