अमृतसर। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिका सैन्य विमान सी-17ए शनिवार रात 11.33 बजे श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। विमान से 116 अप्रवासी भारतीय बाहर लाए गए। अमेरिका ने इन्हें अवैध प्रवासन का दोषी घोषित करते हुए भारत भेजा।

अमेरिका से बीते शुक्रवार उड़ान भरने वाले इस विमान में सवार हर अप्रवासी के चेहरे पर डर झलक रहा था, लेकिन जब वे अपनों से मिले तो आंखों से अश्रुधारा बहने लगी। इनमें पंजाब के 65, हरियाणा के 33, गुजरात के आठ, उत्तर प्रदेश के तीन, महाराष्ट्र के दो, राजस्थान के दो, गोवा का एक, जम्मू कश्मीर के दो व्यक्ति शामिल हैं। इनमें अधिकांश युवा हैं, वहीं एक, दो चार, नौ, बारह, आठ, पांच व ग्यारह वर्षीय बच्चे भी डिपोर्ट किए गए हैं। इन लोगों को रिसीव करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे।

दरअसल, अमेरिका में डॉलर कमाने की इच्छा लेकर अमेरिका जाने वाले ये लोग ट्रेवल एजेंटों के जाल में फंसकर अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे थे। ट्रंप सरकार ने इन्हें भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पूर्व पांच फरवरी को अमेरिका से 104 भारतीयों को अमेरिकी एयरफोर्स के विमान ग्लोबमास्टर आईआईआई से अमृतसर पहुंचाया गया था। इनमें हाथों में हथकड़ी एवं पैरों में जंजीरें बंधी थीं। यह पहली बार हुआ था कि अमेरिका ने अप्रवासी भारतीयों को भेजने के लिए सैन्य विमान का प्रयोग किया हो और भारतीयों को जंजीरों में जकड़कर भेजा गया हो। अब तीसरा अमेरिकी विमान 16 फरवरी यानी रविवार को अमृतसर में भेजा जाएगा। इसमें 157 अप्रवासी भारतीयों के पहुंचने की संभावना है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान एयरपोर्ट पहुंचे

इधर, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एयरपोर्ट पर पहुंचकर कहा कि अमेरिकी विमान को दिल्ली या अहमदाबाद अथवा देश के किसी भी एयरबेस पर उतारा जा सकता था। अमेरिका से आने वाले जहाज के लिए पहले दिल्ली एयरपोर्ट आता है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सम्मुख रखना चाहिए था कि इन लोगों को जंजीरों में जकड़कर भारत क्यों भेजा गया। ये लोग हमारे लिए अपराधी नहीं हैं। मिडिल क्लास लोग हैं। हम उन्हें सम्मान से यहां रखेंगे। मान ने कहा कि अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिले में अमेरिका का सैन्य विमान उतारना देश के लिए खतरा है।

यदि भारत सरकार इन लोगों का सम्मान करती तो अपना विमान भेजकर इन्हें सममानपूर्वक वहां से लेकर आती। मान ने कहा कि डिपोर्ट होकर आ रहे लोगों को किन किन ट्रेवल एजेंटों ने झांसा दिया, कितनी राशि वसूली इसकी पड़ताल की जाएगी।

इन पैसों की रिकवरी भी एजेंटों से की जाएगी। ये लोग पंजाब में रहकर अपनी योग्यता के अनुसार जो काम करना चाहें, सरकार उसमें सहायता करेगी। प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर सरकारी नौकरी भी प्राप्त कर सकते हैं।

 

न्यूज़ सोर्स : ipm