जिस प्रकार से विभिन्न समाज संगठित हैं, वे अधिकतर महिलाओं के गरीबी व ख़राब स्वास्थ्य की जिंदगी जीने के लिए विवश कर देते हैं। पर समाजों का संगठन इस प्रकार किया जा सकता है कि वे बीमारी को नहीं, स्वास्थ्य को बढ़ावा दें। चूँकि ख़राब स्वास्थ्य कारणों का अस्तितिव परिवार, समुदाय तथा राष्ट्रीय स्तर पर होता है, इसलिए महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लेन के लिए आवश्यक परिवर्तन, इन सभी स्तरों पर आवश्यक है।

 महिलाओं स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जान कर तथा अपने परिवार व जीवन में परिवर्तन ला कर आप अपना स्वास्थ्य सुधार सकती हैं । अपने जीवन साथी से खुल कर बात करें कि आप में से प्रत्येक की स्वास्थ्य सम्बंधित क्या आवश्यकतायें हैं? किस प्रकार आप सुरक्षित यौन सम्बन्धों का पालन कर सकते हैं तथा घर के कार्यों में एक दूसरे का हाथ बंटा सकते हैं ? आप अपने बच्चों का भी स्वास्थ्य तथा भविष्य सुधार सकते हैं ।

 बेहतर संसार के लिए आपके बच्चों का लालन-पालन

बड़े होकर हमारे बच्चे किस प्रकार व्यवहार करेंगे तथा उनके जीवनमूल्य कैसे होंगे, यह इस पर निर्भर करेगा कि हम जन्म से ही उसका लालन-पालन किस प्रकार करते हैं ।

माताओं के रूप में हम प्रतिदिन उन्हें यह सब सिखाते हैं –

  • जब हम अपने पतियों और लड़कों को पहले भोजन खिलातें हैं तो हम अपने बच्चों को यह सन्देश देते हैं कि लड़कियाँ तथा महिलाओं कि भूख का कम महत्व है ।
  • जब हम केवल अपने बेटों को स्कूल भेजते हैं तो हम बच्चों को यह सिखाते हैं कि शिक्षा से होने वाले लाभों की लड़कियों के लिए कोई आवश्यकता नहीं है।
  • जब हम हमारे साथ हो रही हिंसा को सहते हैं तो अपने बेटों को यह सिखाते हैं कि हिंसा करना पुरुषों का कार्य है। हम हिंसक पुरुष उत्पन्न कर रहे हैं ।
  • जब हम पड़ोसी के घर में हो रही मार-पीट आदि आदि के विरुद्ध कुछ नहीं बोलते हैं तो हम अपने बेटों के यह सिखाते हैं कि एक पुरुषों का – अपनी पत्नी व बच्चों को पीटना – हमें स्वीकार्य है और यह एक आतंरिक पारिवारिक मामला है जिसे गुप्त रखना ही उचित है ।
  • जब हम यह स्वीकार करते हैं कि लड़कियों को घरेलु कार्य करने चाहिये और लड़कों को बाहर के– तो हम लड़कियों को यह सिखाते हैं की वे शर्मीली व शांत रहे, अपना घूमना फिरना कम करे, जब लड़कों को अधिक आजादी का संदेश देते हैं ।
  • हम लड़कों को अधिक समय तक खेलने देते हैं जबकि लड़कियों को जल्दी घर वापस आने को कहते हैं। हम यह स्वीकार करते हैं कि लड़कों को अधिक पढ़ना चाहिये व लड़कियों को अधिक काम करना चाहिएं । माताओं के रूप में, हमारे पास यह बदलने की शक्ति है कि हमारे बच्चे कैसे बनें ।
  • हम अपने बेटों को दयालु व संवेदनशील बना सकते हैं ताकि बड़े होकर वे दयालु व संवेदनशील पति, पिता व भाई बन सकें ।
  • हम अपनी बेटियों को अपना महत्व समझाना सिखा सकते हैं ताकि वे दूसरों से भी ऐसा करने की आशा कर सकेंगी ।
  • हम अपने बेटों को घर के कार्यों में हाथ बंटाना तथा ऐसा करने में गौरान्वित होना सिखा सकते हैं ताकि उनकी बहनों पत्नियों तथा बेटियों को घर का पूरा कार्य अकेले न करना पड़े ।
  • अपनी बेटियों को स्कूली शिक्षा प्राप्त करके तथा कोई दक्षता सिखा कर अपने को आत्मनिर्भर बनाना सिखा सकते हैं ।
  • हम अपने बेटों को सभी महिलाओं का सम्मान करना, महिलाओं के साथ होने वाले हिंसा व अपराधों के विरोध में आवाज उठाना तथा जिम्मेदार पति होना सिखा सकते हैं ।
  • हम अपने व्यवहार से अच्छे उदहारण प्रस्तुत कर सकते हैं ।

 अपने समुदाय में परिवर्तन के लिए कार्यरत

आप अपने व अपने समुदाय के महिलाओं के स्वास्थ्य को इस पुस्तक को सहभागी रूप से पढ़कर और महिलाओं के स्वास्थ्य समस्यों के बारे में चर्चा करके सुधार सकती है । दूसरों से बात करना कठिन हो सकता है। महिलायें अकसर शर्म महसूस करती है (उदहारणतया: जब वे अपने शरीर के अंगों के बारे में बात करती है) या उन्हें यह भय हो सकता है कि बाकि लोग क्या सोचेंगे तथापि दूसरों से बातचीत करना ही स्वास्थ्य समस्याओं को समझने तथा उनका समाधान खोजने का एकमात्र तरीका है अक्सर आप पाएंगी की अन्य महिलाओं की भी लगभग वही चिंताएं हैं और वे उनके बारे में चर्चा करना चाहती हैं ।

साक्षी समस्याओं को समझना तथा उनके समाधान में एकजुट होकर कार्य करना काफी सहायक हो सकता है। किशोर अवस्था की लड़कियों को स्वास्थ्य तथा सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए संगठित करें। उन्हें अपनी चिन्ताओं, सपनों तथा समस्याओं को व्यक्त करने, उनका समाधान खोजने और अपना आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायता करें।

महिलाओं के एक छोटे समूह को अपने समुदाय में व्याप्त स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बात करने के लिए संगठित करें उदाहरण कर तौर पर महिला मण्डल मुद्दों पर चर्चा करें तथा परिवर्तन के लिए कार्यरत होने के लिए अच्छे मंच हो सकते हैं। अपनी सहेलियों, उनकी सहेलियों, पड़ोसियों तथा अपने साथ काम करने वाली महिलाओं को निमंत्रित करने का प्रयास करें जब एक बार आप किसी ऐसी स्वास्थ्य सेवाओं को पहचान लेती हैं जो अनेक महिलाओं को प्रभावित करती हैं को अकसर फिर से मिलने, दूसरी अन्य महिलाओं को नियंत्रित कर के उस पर चर्चा करने से लाभ होता है और आप उस समस्या के बारे में जान पाते हैं जब आप मिले तो इस स्वास्थ्य समस्या के मूल कारणों को पहचानने का प्रयास करें और तत्पश्चात उन परिवर्तनों के बारे में योजनायें बनाये जो आप अपने परिवार व समुदाय में ला सकते हैं ।

महिलाओं के स्वास्थ्य पर चर्चा में महिलाएं व पुरुषों–दोनों को शामिल करने के तरीकों के बारे में सोचें। शुरू में महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में पुरुषों से चर्चा करना कठिन लग सकता है। क्योंकि इस प्रकार की चर्चा करना ‘निषिद्ध’ माना जाता है या उन्हें ‘ महिलाओं के रहस्य करार दिया जा सकता है। लेकिन चूँकि पुरुष अकसर शक्तिशाली स्थिति में होते हैं, इसलिए उनको इसमें शामिल करना महत्वपूर्ण हो सकता है। पंचायत जैसे संगठनो तथा पुरुषों को पहचाने जो महिलाओं की समस्याओं के प्रति जागरूक हैं ; लड़कों के लिए अच्छे आदर्श हैं या जो महिलाओं को बराबरी का दर्जा देते हैं।

 पुरुष किस प्रकार सहायता कर सकते हैं

 कोई भी पुरुष महिलाओं का स्वस्थ्य सुधारने के लिए इस प्रकार सहायता कर सकता है

  • अपने बच्चों का इस प्रकार लालन-पालन करके कि वे महिलाओं का सम्मान तथा लड़कों व लड़कियों को बराबर मानना सीखें ।
  • महिलाओं के विचारों को समझें और उनका सम्मान करें । पुरुष अपनी पत्नी व लड़कियों की चिन्ताओं व समस्याओं को ध्यान से सुने व समझें तथा एक साथ कार्य करके उनके हल खोंजे ।
  • अपनी पत्नी से चर्चा करें कि उन दोनों में किसको कितने बच्चे चाहिये और तत्पश्चात उसके अनुरूप परिवार नियोजन में बराबरी का भागीदार बने ।
  • अपनी पत्नी को नियमित स्वास्थ्य जाँच के लिए प्रोत्साहित करें और ऐसा करने के लिए, उसके लिए आवश्यक धन व समय उपलब्ध करायें ।
  • बच्चों का देखभाल तथा घर के कार्य करने में पत्नी का भरपूर हाथ बटायें ।
  • अपनी पत्नी के प्रति वफादार रहें और अगर ऐसा नहीं कर पता है तो कम से कम उसके प्रति ईमानदार रहें। अगर पुरुष को कभी कोई यौन संचारित रोग हो जाता है तो उसे तुरंत अपने यौन साथियों को इसके बारे में बताना चाहिये ताकि सभी अपना पर्याप्त उपचार करा सकें ।
  • अपनी पत्नी को भोजन का उचित हिस्सा खाने के लिए प्रोत्साहित करें – चाहे घर में पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध न भी हो ।
  • जब पत्नी पर काम का भोझ अधिक हो या वह बीमार हो तो यह शुनिश्चित करें कि उसे पर्याप्त आराम मिले ।
  • प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पत्नी को दहेज़ के लिए तंग न करें ।
  • अपने बच्चों को स्कूल जाने व शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहित करें । इस प्रकार वे शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे, उन्हें वयस्कों के रूप में अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे तथा वे इस स्वास्थ्य, सुखी जीवन व्यतीत कर सकेंगे ।

 एक पुरुष अपने समुदाय में एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकता हैं

  • अपने समुदाय की महिलाओं गोष्ठियों में आने के लिए प्रोत्साहित करके तथा यह सुनिश्चित करके की उन्हें बोलने का मौका मिले या फिर वह महिलाओं को अपने गोष्ठियां अलग आयोजित करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन दें,जहां पुरुष नहीं आयेंगे।
  • महिलाओं को महिला मण्डल की मीटिंगों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें और वे सामुदायिक परियोजनाओं की योजना बनाने वा क्रियान्वन में भाग ले सकें ।
  • लड़किओं को लड़कियों के सामान ही खेलने तथा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें ।
  • महिलाओं पर किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त न करें ।
  • बच्चों को अपने शारीरिक, मानसिक तथा यौनिक की देखभाल और सामान्य रोगों की रोकथाम के बारे में शिक्षित करें ।
  • आकस्मिक स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता वाली महिलाओं के लिए वाहन व्यवस्था का प्रबन्ध करने में सहायता करें।
  • इस छवि को बदलने का प्रयास करें की शक्तिशाली पुरुष वही होता है जो अनेक महिलाओं के साथ सहवास करता है ।

   समुदाय में स्वास्थ्य स्तर सुधारने में सहायक 

  • जानकारी एक दूसरे से बांटे। समुदाय में सामान्य रोगों के बारे में जानकारी फैलाने के विभिन्न तरीके ढूंढे ताकि हरेक को उनके बारे में ज्ञान हो।
  • समर्थन समूह बनायें। ऐसी महिलायें जिनकी समस्यायें व चिंताएं एक सी हैं, वे मिलकर समर्थन समूह बनाकर अपनी समस्याओं पर काबू पाने के लिए एकजुट हो कर कार्य कर सकती हैं जैसे कि- बलात्कार या यौन शोषण की शिकार ; अशक्तता पीड़ित ; व्यवसायिक रूप से यौन शोषित या ऐसी महिलाएं जिनके घरों में पीने का स्वच्छ पानी या साफ-सफाई नहीं है ।
  • अधिक स्वतंत्रता के लिए कार्यरत हों । ऐसी परियोजनायें जो महिलाओं को धन कमाने तथा अपनी परिस्थितियाँ सुधारने में सहायक होती हैं, वे महिलाओं को अपने निर्णय लेने तथा आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक होती हैं ।
  • सामुदायिक परियोजनाएं विकसित करें । समुदाय के हर परिवार के लिए साधन ढूंढ़ें ताकि व सामुदायिक स्वच्छता सुधारने ; स्वच्छा पानी जुटाने व पर्यावरण की सुरक्षा करने में योगदान दे सकें । 
  • समाजसेवियों की राय

आजकल पूरी दुनिया में लड़के-लड़कियां एक-दूसरे से कंधे से कंधा मिलाकर पूरे जोश के साथ मिलकर अपने अपने देश के लिए अच्छा से अच्छा काम कर रहे हैं । लेकिन कुछ गद्दार सभी देशों में लड़के-लड़कियों को नशे, शारीरिक संबंध बनाने के लिए अश्लीलता परोसने का काम जबरदस्त करतें हैं। ऐसे लोगों पर करोड़ों रुपए लेकर गद्दार नेताओं और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों का जबरदस्त हाथ रहता है । यही गद्दार नेताओं और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के कारण बहुत से देशों में नवजवानों को ग़लत सलत धंधों में लिप्त करके पूरे देश को खोखला कर रहे हैं। यदि सरकारें ऐसे गद्दार नेताओं और भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को जेल भेज दें तो सभी देशों की तरक्की निश्चित ही होगी ।

जकल अधिकतर फर्क दिखाई देने लगा है । लेकिन यदि आप इसे बिल्कुल खत्म कर देना चाहते हो । तब यह संभव नहीं है । लड़कियां जिस जगह होती है उस जगह पर लड़के काम करने मे असफल हो जाते है । जैसे सेवा भाव , ममता इसका इस्तेमाल लड़के सही तरह से नहीं कर पाते है । वैसे आजकल अधिकतर क्षेत्र लड़कियों की नौकरी के लिए खुल चुके है । यदि आप घरेलू जीवन के आधार पर कहना चाहते हो तो अब अधिकतर घरों मे लड़कियों को लड़कों के समान ही पड़ाई और नौकरी करने की सहूलियत मिलने लगी है । अब वे बाहर जाकर व्यवसाय भी कर रही है ।जिन परिवारों मे लड़कियों को अधिकार नहीं दिए जा रहे है वहाँ बगावत हो रही है । यह स्थिति अधिकतर ससुराल मे होती है यदि बहुओ के साथ गलत व्यवहार हो रहा है तो वे तलाक लेने से भी पीछे नहीं है । अब वे अपना जीवन जीना चाहती है । वे त्याग केवल उस जगह करना चाहती है । जहां उनके त्याग को सम्मान की नजर से देखा जा रहा है ।

आजकल की लड़कियां केवल त्याग और बलिदान की मूर्त नहीं है । अब लड़कों को यदि अपना सफल वैवाहिक जीवन जीना चाहते है उन्हे बदलना पड़ेगा । वरना उनका भविष्य दुखमय हो जाएगा ।उनका फर्क उनकी शारीरिक और मानसिक बनावट के कारण है इसे उनका गुण समझना चाहिए अवगुण नहीं । यदि आपके जीवन मे से कोमलता और मधुरता निकल जाएगी तब आपको कैसा लगेगा । यही गुण है जो लड़कियों को मोहक बनाते है । जीवन मे कठोरता केवल कुछ समय ही अच्छी लग सकती है वरना जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा ।

 

न्यूज़ सोर्स : वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया