साहित्य से युवाओं में 'उत्सव एवं प्रतिभा का सृजन
महाराष्ट्र राज्य साहित्य और संस्कृति बोर्ड द्वारा आयोजित इस आयोजन में पांच जिलों और 12 कॉलेजों के कुल 56 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसमें 44 छात्र और 12 प्रोफेसर शामिल थे। संपादक व कहानीकार मोनिका गजेंद्रगडकर, उपन्यासकार व नाटककार अभिराम भडकमकर, कवि व गीतकार प्रवीण दवाने, कथाकार व निर्देशक दीपाली केलकर, चित्रकार व कवि विजयराज बोधनकर, बुकलेट गाय अमृत देशमुख और समीक्षक, संपादक व लेखिका डॉ. वंदना बोकील ने प्रतिभागियों से बातचीत की।
लेखन प्रेरणा, प्रेरणा, अनुभव विश्व, अनुभव अखंडता, अभिव्यक्ति का अनुभव और सामाजिक रहस्योद्घाटन के लिए व्यक्तिगत एहसास एक यात्रा है, कैसे - कैसे और क्यों पढ़ना है! लेखक के रूप में प्रयास करते हुए उम्मीदवारी, अभिव्यक्ति की शब्दावली, लेखन की विभिन्न शैलियों का अध्ययन... लेखक-विशेषज्ञ-छात्रों ने ऐसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर निर्देशित की। प्रतिभागियों से बातचीत हुई और चर्चा भी हुई। युवाओं ने भाग लिया एक सत्र में अपनी साहित्य कृति (प्रसिद्ध कविता) प्रस्तुत करने का आनंद भी लिया।
महाराष्ट्र राज्य साहित्य और संस्कृति बोर्ड की सदस्य और प्रबोधिनी की आमंत्रित विषय विशेषज्ञ दोनों भूमिका में उपस्थित मोनिका गजेंद्रगडकर ने प्रतिभा महोत्सव का उद्घाटन किया। समापन सत्र में डॉ. वंदना बोकिल, दीपाली केलकर और विजयराज बोधनकर द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।