मंडीदीप-भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन ने कृषक सहयोग संस्थान के सहयोग से किया रैलियों व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन  किया। इसके अंतर्गत नगर के देव जाती हायर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों को बाल विवाह कानून के बारे में जानकारी दी। कृषक सहयोग संस्थान के जिला सोनवक अनिल भवरे ने बताया  कृषक सहयोग संस्थान बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है। कार्यक्रम में संस्था के प्राचार्य कपिल देव चौहान ने बच्चे समाज मे सामाजिक बुराई बाल विवाह दूर करने के सन्देश वाहक बने।

बच्चों के विकास में बाधक है बाल विवाह-
सामाजिक कार्यकर्ता गंगा खतरा करने बताया कि बाल विवाह बच्चों के विकास के लिए बाधक है। बचपन मे विवाह से शारीरिक और मासिक और सामाजिक विकास रुक जाता है। इस असार पर उन्होंने बच्चों को बाल विवाह रोकने के लिए संकल्प भी दिलाया। ई अवसर पर डालीका पाल,सीटू कलाम, अनीता पाल,स्मिता पेटकर, लता पाटनकर सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान को कृषक सहयोग संस्थान ने दिया समर्थन

- भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत के बाद जिला प्रशासन ने कृषक सहयोग संस्थान के सहयोग से किया रैलियों व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन     
- कार्यक्रम में मौजूद जिला कलेक्टर श्री अरविन्द दुबे ने रायसेन को बाल विवाह मुक्त बनाने का दिलाया संकल्प
- कृषक सहयोग संस्थान बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है |

भारत सरकार के नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के उद्घाटन के मौके पर जिला प्रशासन ने रायसेन में बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहे गैरसरकारी सामजिक संस्था कृषक सहयोग संस्थान के साथ मिलकर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया और लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। कृषक सहयोग संस्थान बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश के 400 से भी ज्यादा जिलों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का सहयोगी सदस्य है।

इस मौके पर रायसेन में हुए समारोह में जिला कलेक्टर श्री अरविन्द दुबे ने स्कूली बच्चों, महिलाओं और पंचायत प्रतिनिधियों व अन्य को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। जिले में जगह-जगह हुए कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, पंचायत प्रतिनिधियों, आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, बाल विवाह निषेध अधिकारी (सीएमपीओ) के अलावा बाल विवाह पीड़िताओं ने भी भागीदारी की और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। 

यह कार्यक्रम देश से बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में किया गया, जिसका उद्घाटन 27 नवंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने किया। इस दौरान उन्होंने पंचायतों और स्कूलों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही शपथ लेने वालों की संख्या 25 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इस मौके पर बाल विवाहों की सूचना व शिकायत के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल भी शुरू किया गया।

श्री पंकज पांडे, पुलिस अधीक्षक, रायसेन ने बाल विवाह के दुस्परिणामों तथा बाल विवाह रोकथाम के लिए पुलिस प्रशासन की भूमिका तथा समाज, व्यक्तिगत दायित्वों पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला | इस मौके पर श्री राजीव राव गौतम, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायसेन ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी | इसी तरह श्रीमती सविता जमना सेन, अध्यक्ष, नगर पालिका रायसेन ने कहा – बेटे तो सिर्फ एक घर चलते हैं लेकिन बेटियाँ तो दो-दो घर को स्वर्ग बनती हैं इसलिए बेटियों का शिक्षित एवं आत्मनिर्भर होना आवश्यक हैं | समाज में बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से ख़तम होना चाहिए | 

इस राष्ट्रव्यापी अभियान और जमीन पर इसके असर की चर्चा करते हुए कृषक सहयोग संस्थान के निदेशक डॉ. एच. बी. सेन ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बाल विवाह के खात्मे के लिए महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया अभियान इस बात का सबूत है कि सरकार इस सामाजिक बुराई की गंभीरता से अवगत है। आज भी देश में 23 प्रतिशत से ज्यादा लड़कियों का बाल विवाह होता है जो न सिर्फ जीवनसाथी चुनने के उनके अधिकार का हनन है बल्कि इससे लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोजगार और आर्थिक निर्भरता की उनकी संभावनाओं पर भी बेहद बुरा असर होता है। सरकार की योजना इस अभियान में सभी हितधारकों को साथ लेकर चलने की है और ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम इसमें पूरी तरह साथ हैं। वर्षों से बाल विवाह के खिलाफ काम करने के नाते हम भली भांति जानते हैं कि समग्र और समन्वित प्रयासों के बिना यह लड़ाई नहीं जीती जा सकती। लेकिन अब हमें विश्वास है कि सरकार और नागरिक समाज के साझा प्रयासों से भारत 2030 से पहले ही बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल कर सकता है।” दीपक संकत, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग ने जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम हेतु चलाये जा रहे जागरूकता पखवाड़ा “हम होंगे कामयाब” अभियान के अंतर्गत संचालित गतिविधियों में से बाल विवाह मुक्त भारत एक विशेष गतिविधि हैं  इस पर विशेष जानकारी दी एवं “हम होंगे कामयाब” अभियान पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला | कार्यक्रम का संचालन शिक्षक श्री कमलेश बहादुर द्वारा किया गया एवं सभी के प्रति आभार  श्री संजय गहरवाल, सहायक संचालक, महिला बाल विकास द्वारा किया गया |

न्यूज़ सोर्स : Anil Bhavre