औबेदुल्लागंज- सुप्रसिद्ध लोक गायिका आहना कृष्ण पाठक, सुदीक्षा पाठक एवं श्लोका पाठक ने अपने पिता कृष्णगोपाल पाठक के साथ "सबके राम सबमें राम" भजन संध्या में शानदार प्रस्तुति दी। "पाठक सिस्टर्स" के श्रीराम, श्रीकृष्ण, महादेव जी के भजनों के सुन्दर गायन एवं कृष्णगोपाल पाठक जी द्वारा रामकथा एवं भागवत कथा के सुन्दर वाचन ने उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।

सनातन धर्म की मान्यताओं, परंपराओं के साथ मातृभूमि के गौरवगान एवं भक्ति के गीतों से सजे इस कार्यक्रम में नन्ही भजन गायिका श्लोका, सुदीक्षा एवं आहना के कंठ से निकले भजन की धुन पर श्रोता देर रात तक लगातार झूमते रहे। श्रीराम के जन्म से लेकर राज्याभिषेक तक की यात्रा एवं वर्तमान समय में श्रीराम की जीवनशैली की प्रासंगिकता जैसे विषय को क्रमशः एक सूत्र में पिरोते हुए कृष्णगोपाल पाठक ने आदर्श जीवन एवं आदर्श समाज की ऐसी सुन्दर व्याख्या की कि हर व्याख्या का श्रोताओं ने करतल ध्वनि के साथ स्वागत किया एवं आनंद लिया । भये प्रकट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी, हमारे साथ श्रीरघुनाथ तो किस बात की चिंता, फूलों में सज रहे हैं, आज बृज में होली है रे रसिया, आरंभ है प्रचंड, राम जी को सेना चली एवं महारास जैसे गीतों का आहना, सुदीक्षा एवं श्लोका द्वारा ऐसा सुमधुर गायन किया गया कि कार्यक्रम स्थल एवं पाठक सिस्टर्स पर लगातार फूलों की वर्षा होती रही ।

महिला भजन मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की उपस्थित श्रोताओं ने उन्मुक्त कंठ से प्रशंसा की । आयोजन समिति ने कहा कि छोटी-छोटी बेटियों का अपने पिता के साथ अपनी संस्कृति एवं संस्कारों के गौरवगान से हर माता-पिता को यह शिक्षा मिलती है कि वे भी अपने बच्चों को इसी प्रकार संस्कार प्रदान करें।

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