मौत का डर हर किसी के मन में होता है। हर इंसान कभी न कभी तो इस बारे में सोचता है कि उसकी मृत्यु कब और कैसे होगी? इस प्रकार के विचारो पर आपने भी कभी न कभी तो सोचा होगा।

बहुत सालो से वैज्ञानिक भी इस बात पर शोध कर रहे है, मृत्यु के समय कैसा महसूस होता है। जब इंसान अपने प्राण त्याग रहा होता है तो वह क्या सोचता है। मरने से पहले उसके दिमाग में क्या चल रहा होता है? धर्म-शास्‍त्रों में मृत्‍यु को लेकर बहुत कुछ बताया गया है, गरुण पुराण और शिव पुराण में इस बात का विस्‍तार से वर्णन किया गया है की मौत जब दरवाजे पर खड़ी होती है तो किस प्रकार की घटनाये होने लगती है।

शिव पुराण में लिखा है कि जब इंसान की मृत्यु समीप आ जाती है तो उसके शरीर में बड़े बड़े लाल निशान आने लगते है। उसका शरीर पीला व सफेद पड़ने लगता है, शरीर के अंग एक एक कके काम करना बंद कर देते है। जब इंसान आईने या तेल या पानी में उसकी परछाई नज़र नहीं आती है, आखो में कम नज़र आने लगता है। यह भी मृत्यु के समीप आने के संकेत है।

शिव पुराण में ऐसे बहुत से तथ्य लिखे है जिसके होने से यह पता चलता है कि आपकी मृत्यु समीप आने वाली है। और यह संकेत होते है जैसे किसी व्‍यक्ति के सिर पर अचानक से कौवा आकर बैठ जाए तो यह बहुत अशुभ होता है, ऐसा होने के कुछ ही समय बाद व्‍यक्ति की मृत्‍यु हो सकती है। कौवे के अलावा गिद्ध या कबूतर का सर पर बैठना भी बहुत अशुभ होता है, यह भी किसी अनहोनी का इशारा देता है। जिस इंसान की मृत्यु होने वाली होती है उसके जीभ,कान, नाक जब पथरा जाती है। तो यहाँ भी संकेत होता है मौत आपक पास आ गई है। यहाँ संकेत बताता है कि व्यक्ति को अपना ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति में लगाना चाहिए।