भोपाल ।   आर्थिक तंगी झेल रहे नगर निगम के पास बिजली और डीजल खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है। इसके बावजूद निगम में फिजूलखर्ची पर लगाम नहीं लग पा रही है। निगम अधिकारियों ने एक साल के लिए फूल-मालाएं खरीदने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का टेंडर जारी दिया। अब इसमें विवाद बढ़ने के बाद अधिकारी अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। बता दें कि नगर निगम की जनसंपर्क शाखा के द्वारा आठ नवंबर 2022 को फूल-माला खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है। इसमें निविदाकर्ता से डेढ़ लाख रुपये धरोहर राशि की मांग की गई है। इसके तहत चयनित ठेकेदार को एक साल तक फूल, माला, बुके, फ्लावर पाट और अन्य सजावट के सामान की आपूर्ति करनी होगी। वहीं इसके लिए निविदाकर्ता को साढ़े सात लाख रुपये बैंक गारंटी देनी होगी। बाध्यता ये भी है कि संबंधित फर्म का टर्न ओवर 30 लाख रुपये वार्षिक होना जरुरी है। हालांकि कुछ ठेकेदारों का कहना है कि भले ही निगम ने इसके लिए टेंडर जारी किया है, लेकिन ये वर्षों से एक ठेकेदार को दिया जा रहा है। इनका सत्तापक्ष के नेताओं से भी अच्छा संपर्क है।

फिजूलखर्ची पर अधिकारियों का तर्क

निगम के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि शहर में 67 से अधिक महापुरुषों की प्रतिमाएं हैं। महापौर परिषद का संकल्प है कि महीने में एक बार इनकी साफ-सफाई और धुलाई कर इनमें फूल-मालाएं चढ़ाई जाएं। वहीं इनकी जयंती और पुण्यतिथि पर भी फूल-माला चढ़ाना अनिवार्य है। इसके अलावा होली, दीपावली, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवसर के अवसर पर इनमें फूल-माला चढ़ाई जाती है। केंद्रीय मंत्रियों का शहर में दौरा होने पर भी इन्हें फूलों से सजाया जाता है। वहीं निगम के भी कई कार्यक्रम होते हैं। प्रतिमा में माला चढ़ाने के लिए दस माला की एक माला बनती है। इसलिए ये कोई अधिक खर्च नहीं है।

नगर निगम द्वारा निकाले गए टेंडर की जांच कराएंगे। यदि इसमें फिजूलखर्ची समझ में आती है, तो इसके लिए अधिकारियों से बात कर संशोधित टेंडर निकाला जाएगा।

- मालती राय, महापौर