वित्त वर्ष 2022-23 खत्म होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं। आपने चालू वित्त वर्ष के लिए अब तक कर बचाने के लिए कोई निवेश नहीं किया है तो जल्द करें। 31 मार्च अंतिम तारीख है। कर बचत योजनाओं में निवेश से आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है। इसलिए, इस निवेश को सावधानी से चुनना मायने रखता है।हाल के आम बजट में सरकार ने नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए सात लाख रुपये तक की आय पर कर छूट की व्यवस्था पेश की है। 50,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी दिया है। पुराने कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके बावजूद पुरानी व्यवस्था में अब भी अनेक प्रकार की छूट उपलब्ध हैं। ऐसे में अगर आपने पुरानी कर व्यवस्था का चुनाव किया है और अब तक कोई निवेश नहीं किया है तो आखिरी समय में कर बचाने के लिए निवेश के चार साधन उपलब्ध हैं।

स्वास्थ्य बीमा

स्वास्थ्य बीमा न सिर्फ अत्यधिक मेडिकल बिल से बचाता है बल्कि टैक्स बचाने में भी मदद करता है। इस पर 80डी के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं। आप खुद, पति/पत्नी, बच्चों और माता-पिता के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर सालाना 25,000 की छूट पा सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा 50,000 रुपये है।इसके अलावा, प्रिवेंटिव स्वास्थ्य जांच लागतों के लिए 80डी के तहत 5000 रुपये की छूट प्राप्त कर सकते हैं।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम

तीन साल के लॉक-इन पीरियड वाले इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश पर आयकर कानून के तहत 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिल सकती है। इसमें जोखिम भी रहता है। लेकिन,  संभावित तौर पर इसमें अच्छा रिटर्न मिल सकता है।ईएलएसएस से जुड़े जोखिम को एसआईपी के जरिये दीर्घकाल के लिए निवेश कर कम कर सकते हैं। इसमें ऑनलाइन निवेश किया जा सकता है।टैक्स प्लानिंग एक जटिल काम हो सकता है। इसमें देरी से आपको गैर-जरूरी तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए आप अपनी सालाना आय और अन्य स्रोतों से प्राप्त होने वाली कमाई (अगर है तो) के हिसाब से कर बचाने के लिए उपरोक्त चार साधनों में निवेश कर सकते हैं।

नेशनल पेंशन स्कीम

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) सरकारी योजना है। इसमें निवेश पर कोई जोखिम नहीं होता है। इसमें निवेश पर टैक्स छूट पा सकते हैं। योजना में वेतनभोगी कर्मचारियों को वेतन के 10% तक छूट मिलती है। स्व-नियोजित पेशेवर अपनी सकल आय में से 20% छूट प्राप्त कर सकते हैं। इसमें निवेश पर आयकर कानून की धारा 80सीसीडी (1) के तहत 1.50 लाख रुपये की छूट पा सकते हैं। 80सीसीडी(1बी) में अतिरिक्त 50,000 रुपये की डिडक्शन उपलब्ध है और यह डिडक्शन कुल मिलाकर 2 लाख रुपये हो जाती है।

टर्म बीमा

टर्म बीमा अनिवार्य निवेश साधन है, जिससे दुर्भाग्यवश मृत्यु की स्थिति में आपके आश्रितों को वित्तीय सहारा मिल जाता है। साथ ही, टर्म बीमा से टैक्स भी बचा सकते हैं। इसके प्रीमियम के भुगतान पर 80सी के तहत सालाना 1.50 लाख रुपये तक की छूट पा सकते हैं। इसके अलावा, आपके बेनेफिशयरी को मिलने वाली मैच्योरिटी राशि या मृत्यु लाभ भी करमुक्त है। टर्म बीमा खरीदते समय उसी कंपनी का चुनाव करें, जिसका दावा निपटान अनुपात सबसे ज्यादा है।