सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के संकल्प को दोहराया। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल सहित विभिन्न राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि भाजपा को केंद्रीय सत्ता से बेदखल करने का माद्दा उत्तर प्रदेश रखता है।

सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को 2024 चुनाव जीतने के संकल्प के साथ खत्म हो गई है। जिन बूथों पर अभी तक पार्टी को कम वोट मिलते रहे हैं, वहां पैठ बढ़ाई जाएगी। इसके लिए त्रिस्तरीय रणनीति होगी। हर माह कोई न कोई कार्यक्रम किया जाएगा। पार्टी भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं आमजन के उत्पीड़न को मुद्दा बनाते हुए निरंतर जनता के बीच में रहेगी। पार्टी के सभी विधायक और पदाधिकारी वोटबैंक को बढ़ाने के लिए क्षेत्रवार अभियान चलाएंगे।

बैठक को रविवार दोपहर संबोधित करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के संकल्प को दोहराया। इस बीच प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल सहित विभिन्न राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि भाजपा को केंद्रीय सत्ता से बेदखल करने का माद्दा उत्तर प्रदेश रखता है। यदि उत्तर प्रदेश में सपा ने भाजपा को मात दी तो इसका सीधा असर केंद्र पर पड़ेगा। अन्य क्षेत्रीय दल भी सपा की ओर देख रहे हैं। ऐसे में पार्टी की जिम्मेदारी ज्यादा है। कोलकाता से लौटते ही सभी पदाधिकारी 2024 चुनाव जीतने के लिए तत्पर हो जाएंगे।

विधानसभा क्षेत्रवार कम वोट देने वाले बूथों को चिह्नित किया जाएगा। इन बूथों के लिए स्थानीय स्तर पर कमेटी बनेगी। यह कमेटी निरंतर मतदाताओं के बीच रहेगी। समय-समय पर पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इन बूथों पर पहुंच कर लोगों की समस्या सुनेंगे। इसी तरह जातीय जनगणना, संवैधानिक संस्थानों की अनदेखी, एजेंसियों के दुरुपयोग के साथ महंगाई, बेरोजगारी, उत्पीड़न को मुद्दा बनाते हुए निरंतर जन जागरण किया जाएगा। पार्टी ने यह भी तय किया है कि सिर्फ जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करने के बजाय तहसील और ब्लॉक स्तर पर स्थानीय समस्याओं को लेकर संघर्ष किया जाएगा। जनहित के मुद्दों पर सरकार की नीतियों की मुखालफत करते हुए अपनी बात रखी जाएगी। सपा शासनकाल में हुए कार्यों के साथ विभिन्न समुदाय के लिए बनाई गई नीतियों का निरंतर बखान किया जाएगा।

बढ़ाएंगे एकजुटता

पार्टी ने संकल्प लिया है कि एकजुटता बढ़ाई जाएगी। पार्टी शीर्ष नेतृत्व जिसे लोकसभा में उतारेगा, उसके विरोध में उतरने वालों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐन मौके पर दूसरे दलों से गलबहियां करने वालों को भी चिह्नित किया जाएगा।
2024 में एमपी में उतारेंगे उम्मीदवार
कार्यकारिणी में यह भी तय किया गया कि सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने के लिए भविष्य में होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया जाएगा। खासतौर से मध्य प्रदेश पर फोकस करके वहां सीटें जीती जा सकती हैं। लोकसभा चुनाव में भी मध्य प्रदेश में उम्मीदवार उतारे जाएंगे।

दलितों पर बढ़ेगा फोकस

सपा परंपरागत वोट बैंक के साथ दलितों को विशेष तौर पर जोड़ेगी। यही वजह है कि वह डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ कांशीराम का नाम भी बार-बार ले रही है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भी दलितों को जोड़ने की पुख्ता रणनीति बनाई गई। इसके तहत दलित नेताओं के साथ अन्य जाति के नेताओं को भी दलित बस्तियों में भेजा जाएगा।

अमेठी और रायबरेली में भी उम्मीदवार उतारेगी सपा 

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। इसके लिए पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली है। पूरे देश में सभी क्षेत्रीय दलों से बातचीत भी चल रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग भी भाजपा की हार का एक बड़ा कारण होगा। उन्होंने कहा, इस बार पार्टी अमेठी और रायबरेली से भी उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रही है। क्योंकि वहां सपाइयों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।  कोलकाता में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बाद अखिलेश ने कहा कि पार्टी बूथ स्तर पर पूरा ध्यान देगी साथ ही जातीय जनगणना को मुद्दा बनाएगी, ताकि सभी जातियों को विकास का एक समान अवसर मिल सके। युवाओं को पार्टी से जोड़ने का एक विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा।

वाम और कांग्रेस को अपनी भूमिका खुद तय करनी है: अखिलेश

अखिलेश ने कहा, कांग्रेस और वाम मोर्चो दोनों ही बड़ी पार्टियां हैं। आने वाले समय में उनको खुद ही अपनी भूमिका तय करनी होगी। तीसरे मोर्चे में कौन होगा, इस पर बात हो चुकी है। कांग्रेस और वाम के इतर समान विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियों से बातचीत कर रहे हैं। क्षेत्रीय दलों की भूमिका अहम होने वाली है।