भोपाल । जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे भाजपा ने अपनी गतिविधियों को तेज करने शुरू कर दी हैं। खुद को मजबूत करने में जुटी पार्टी को समझ में आ गया कि वरिष्ठों में खासी नाराजगी है। वे काम पर नहीं लगे तो चुनाव में नुकसान हो सकता है। उन्हें जागृत करने के लिए अनुभवी नेताओं को पार्टी मैदान में उतारने जा रही है जो प्रवास करके सभी से बात करेंगे। भोपाल नगर और जिले की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को दी गई।
वर्ष के अंत में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, जिसे लेकर भाजपा ने अभी से कसरत करना शुरू कर दी है। भोपाल की सत्ता से दिल्ली तक की सत्ता व संगठन की टीम सर्वे करा रही है, लेकिन सभी की रिपोर्ट जैसी आना चाहिए वैसी नहीं है। उसने पार्टी नेताओं की नींद उड़ा रखी है। असर ये है कि राष्ट्रीय नेतृत्व के दौरे लगातार तेज होते जा रहे हैं। सर्वे में ये भी खुलासा हुआ कि पार्टी के ही कई नेता असंतुष्ट हैं। हाल ही में एक गोपनीय बैठक राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश ने ली थी जिसमें प्रदेश के चुनिंदा 14 नेताओं को बुलाया गया था। सभी को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने प्रभार क्षेत्र में जाकर सत्ता व संगठन के प्रति जिन भी वरिष्ठों की नाराजगी है उन्हें दूर करे। वे ये भी पता लगाने का प्रयास करें कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को अपने लोग नीचे तक ले जा रहे हैं या नहीं? नहीं तो उन्हें सक्रिय करने का आग्रह किया जाएगा। नाराज नेताओं से बात करके उनकी पीड़ा को सुनकर उन्हें पार्टी की मुख्यधारा में फिर से काम पर लगाना है। सभी से चुनाव में पूरी ताकत से काम पर जुटने का भी आह्वान किया जाएगा। प्रवास करके सभी नेताओं को 15 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट पेश करना है। ये रिपोर्ट भी सीधे शिव प्रकाश ही लेंगे।

इनसे करना है संवाद
14 वरिष्ठ नेताओं को संगठन में राजी-नाराजगी दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो लगातार अब प्रवास करेंगे। उस दौरान वे पूर्व जिला अध्यक्ष, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य, पूर्व सांसद व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व महापौर, पूर्व निगम मंडल व प्राधिकरण बोर्ड अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, पूर्व सहकारी बैंक अध्यक्ष, पूर्व जनपद अध्यक्ष, पिछले दो बार के नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष से संवाद करेंगे। उनकी बातों को लब्बोलुआब रिपोर्ट में भी जाएगा।

नड्डा की सख्ती का असर
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले दिनों प्रदेश प्रवास पर थे। उन्होंने सत्ता और संगठन को लेकर कई हिदायतें दी है। उन्होंने साफ कर दिया कि अपने ही नेता व कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर किया जाना आवश्यक है। उसका असर वरिष्ठों को जिम्मेदारी के रूप में देखने को मिल रहा है। गौरतलब है कि कई वरिष्ठ नेता पूछपरख नहीं होने की वजह से नए भाजपा कार्यालय के भूमि पूजन में नहीं गए थे।

ये हैं नेताओं की जिम्मेदारी
नरेंद्रसिंह तोमर - इंदौर नगर व ग्रामीण, भोपाल नगर व ग्रामीण और सीहोर।
कृष्णमुरारी मोघे - विदिशा, दमोह, सागर व रायसेन।
कैलाश विजयवर्गीय - जबलपुर नगर व ग्रामीण, रीवा, सतना व धार।
फग्गनसिंह कुलस्ते - झाबुआ, आलीराजपुर और बड़वानी।
राकेश सिंह - नर्मदा पुरम, हरदा, बैतूल, मंडला और डिंडोरी।
गोपाल भार्गव - छिंदवाड़ा, सिवनी व बालाघाट।
लालसिंह आर्य - छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी और कटनी।
माखनसिंह - गुना, अशोक नगर, शिवपुरी और श्योपुर।
जयभानसिंह पवैया - उज्जैन नगर व ग्रामीण, देवास, शाजापुर व आगर।
राजेंद्र शुक्ल - सिधी, सिंगरोली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया।
मायासिंह - राजगढ़, दतिया, नृङ्क्षसहपुर।
सुधीर गुप्ता- ग्वालियर नगर व ग्रामीण, मुरैना व भिंड।
प्रभात झा - खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर।
सत्यनारायण जटिया - रतलाम, मंदसौर और नीमच।