इंदौर ।   किसी शातिर अपराधी की तरह शरारती छात्रों ने प्रबंधन अध्ययनशाला में बम फोड़ने की धमकी भरे पर्चे चिपकाए। वारदात का समय भी बताया और खुद को पकड़ने की चुनौती शिक्षकों को दी। पर्चे में बताए समय पर अध्ययनशाला में धमाका भी हुआ और पटाखे भी फूटे। तीन दिन से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडी (आइएमएस) में शाम चार बजते ही पटाखे फूटने की आवाज आती थी। शरारती छात्रों को पकड़ने के लिए विभाग के शिक्षकों ने सीसीटीवी कैमरे बंद होने की अफवाह फैलाई। पकड़े जाने से बेफिक्र इन छात्रों ने सोमवार को तीन स्थानों पर कैमरों के सामने ही अगरबत्ती लगाकर पटाखे रख दिए। शिक्षकों की सूझबूझ से दो पटाखे फूटने से पहले ही देख लिया। मगर एक पटाखा वाशरूम के रोशनदान के पास लगाया था, जो ठीक चार बजते ही फूट गया।

जो रोक सके, रोक ले...

बीते कुछ दिनों से आइएमएस में पटाखों की आवाज गूंज रही थी। शनिवार को एक पर्चा मिलने से विभाग में हड़कंप मच गया। उस पर लिखा था कि शाम 4 बजे आइएमएस में बम फोड़ा जाएगा, जो रोक सके... रोक लेना। बम फोड़ने की जिम्मेदारी आइएमएस बदमाश गैंग ने ली। आनन-फानन में निदेशक डा. संगीता जैन ने शिक्षकों की बैठक बुलाई। इन शरारती विद्यार्थियों को पकड़ने की योजना बनाई गई।

अफवाह में उलझ गए विद्यार्थी

शिक्षकों ने विद्यार्थियों के बीच यह अफवाह फैला दी कि विभाग के सीसीटीवी कैमरे खराब है। इस बात की खबर लगते ही विद्यार्थी बेखबर हो गए और सोमवार को चार स्थानों पर बम लगा दिए। उसमें से अगरबत्ती लगे दो पटाखे आइएमएस के स्टाफ ने पकड़ लिए, जबकि दो पटाखे फूट गए। तुरंत सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो एक छात्र की पहचान हुई। यह बीबीए ई-कामर्स के फर्स्ट ईयर का छात्र था। पूछताछ में सात अन्य विद्यार्थियों के नाम सामने आए, जिनमें दो छात्राएं भी बताई गई।

सात विद्यार्थियों को किया निलंबित

इनमें से एक दिव्यांग छात्रा से पूछताछ की गई तो घटना में शामिल होने का कोई सुबूत नहीं मिला। इसके बाद विभाग ने सात विद्यार्थियों को निलंबित कर दिया। घटना में दो अन्य विद्यार्थी निजी विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। निदेशक डा. संगीता जैन ने बताया कि घटना सामने आने के बाद सीसीटीवी फुटेज देखे गए। सभी विद्यार्थी बीबीए ई-कामर्स में पढ़ते हैं। इन्हें निलंबित कर दिया है और पूरा मामला विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति के समक्ष रखा है।