यूपी बोर्ड 16 फरवरी से शुरू हो रही हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा को लेकर काफी सतर्कता बरत रहा है। नियमों में बदलाव के साथ ही समय-समय पर नए निर्देश भी जारी कर रहा है। परीक्षा नकलविहीन व पूरी पारदर्शिता के साथ हो। इसके मद्देनजर बोर्ड ने परीक्षार्थियों के लिए पहली बार कॉपियों के हर पन्ने पर अनुक्रमांक के साथ ही उत्तर पुस्तिका क्रमांक लिखना अनिवार्य कर दिया है। नई व्यवस्था लागू होने से उत्तर पुस्तिकाओं के पन्नों की बदलने की गुंजाइश खत्म होगी।

हर पन्ने पर अनुक्रमांक लिखने का क्या है उद्देश्य?

कॉपियों के पन्नों पर अनुक्रमांक लिखने के पीछे बोर्ड की मंशा कापियों में फेरबदल को रोकना है। पूर्व में बोर्ड को कापियों के पन्नों के साथ ही पूरी की पूरी कापियों के बदलने की शिकायत मिलती रही है। इससे परीक्षा की शुचिता पर प्रश्न चिह्न लगता रहा है। इस बार इस तरह का कोई मामला सामने न आए इसको लेकर बोर्ड इस बार फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि परीक्षा समाप्ति के बाद यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कक्ष में उपस्थित सभी परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं जमा हो गई हैं। इसके बाद ही उन्हें कक्ष से बाहर निकलने की अनुमति दी जाए।

समस्याओं का त्वरित निदान कर बोर्ड को भेज रहे रिपोर्ट

बोर्ड के निर्देश पर नकलविहीन प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर पहली बार क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा प्रधानाचार्यों से फोन पर वार्ता की जा रही है। इस दौरान प्रायोगिक परीक्षा के दौरान आने वाले समस्याओं को पूछा जा रहा है। साथ ही साथ यथा संभव निदान कराया जा रहा है। केंद्र पर मौजूद विद्यार्थियों से भी प्रायोगिक परीक्षाओं में आने वाली समस्या के बारे में पूछा जा रहा है। बकायदा, किस प्रधानाचार्य से बात हुई, किस विद्यार्थी से बात हुई, उनके मोबाइल नंबर सहित इसकी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजी जा रही है। बोर्ड भी इन नंबरों पर फोन कर क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय की ओर से फोन किए जाने के बाबत जानकारी को सत्यापित किया जा रहा है। बोर्ड के उप सचिव डा.आरपी सिंह ने बताया कि पहली बार बोर्ड के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू की गई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने बताया कि बोर्ड की इस पहल से कापियों का फेरबदल नहीं हो सकेगा। मामला प्रकाश में आने पर जांच कराई जाएगी। किसी भी सूरत में बोर्ड परीक्षा की शुचिता प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।