भोपाल । नए शिक्षण सत्र की शुरुआत अप्रैल से हो जाएगी। 1 अप्रैल से स्कूल खुल रहे हैं, इसको लेकर अभिभावक और विद्यार्थी परेशान हैं। इसका मुख्य कारण है कि कक्षा 6वीं से 12वीं तक की अधिकांश किताबें बाजार में अब तक नहीं आई हैं। इस कारण किताबों के प्रमुख बाजार में अभिभावकों से लेकर विद्यार्थी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
किताब विके्रताओं का कहना है कि नई एजुकेशन पॉलिसी लागू होने के कारण 6वीं से 10वीं क्लास तक के सभी विषयों में दो-दो पाठ कम कर दिए गए हैं। नए सिलेबस की किताबें अभी दुकानों पर नहीं आईं हैं। इस कारण बाजार में एनसीईआरटी सहित मप्र पाठ्य पुस्तक निगम की किताबों की कमी है।

इस कारण बढ़े रेट
अप्रैल से स्कूलों में नए एकेडेमिक सेशन शुरू होगा। लोग अभी से किताबें लेने के लिए पहुंचने लगे हैं। पिछले साल कागज का रेट 65 रुपए किलो था, अब यह बढ़कर 110 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इस कारण किताब व कॉपियों के रेट में 15 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
5वीं का सेट 5500 में अधिकतर स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों के साथ निजी प्रकाशकों की किताबों को शामिल किया है। औसत देखें तो पहली से 5वीं तक की किताबों का सेट 3200 से 5500 रुपए में मिल रहा है। 6वीं से 10वीं कक्षा के सेट की कीमत 5000 से 8000 रुपए तक है।