रविवार शाम अचानक आई तेज आंधी व वर्षा से शहर में जनजीवन अस्त व्यवस्त हो गया। महाकाल महालोक में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। अन्य मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। श्रद्धालु समीप नहीं थे, इस कारण हादसा टल गया। महाकाल महालोक में कुल 127 मूर्तियां लगाई गई हैं। नीचे गिरी मूर्तियों को क्रेन की मदद से उठाया गया।

महाकाल मंदिर के समीप ही विशाल बरगद का पेड़ गिरने से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के दो घंटे बाद भी राहत बचाव दल मौके पर नहीं पहुंचा था। महाकाल मंदिर के अतिरिक्त शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पेड़ गिरे। घरों की चद्दरें उड़ गई। सुबह सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई। अंचल के नागदा आदि क्षेत्रों में भी आंधी से खासा नुकसान हुआ है।

नवतपे के चौथे दिन रविवार को दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और गरजचमक के साथ तेज आंधी चलने लगी। हवा की गति इतनी तेज थी कि चंद मिनटों से सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। महाकाल मंदिर, देवास रोड, दशहरा मैदान,फ्रीगंज, खाकचौक, हिरामिल की चाल आदि क्षेत्रों में कई पेड़ उखड़कर गिर गए। कई की बड़ी-बड़ी डालियां टूटकर जमीन पर आ गिरी। हालांकि कहीं से भी किसी जनहान‍ि की सूचना नहीं मिली। फिर भी लोगों को अर्थिक नुकसान हुआ है।

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न्यूज़ सोर्स : ipm