इंदौर  ।  पुलिस ने जिस फ्लैट से देह व्यापार के आरोपितों को पकड़ा, उस पर पुलिस आयुक्त ने खरीदने-बेचने और रहने पर रोक लगा दी है। आयुक्त ने यह आदेश देह व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा 18 के तहत जारी किया है। पुलिस आयुक्त कोर्ट से इस तरह का आदेश पहली बार जारी हुआ है। सुनवाई के दौरान फ्लैट मालिक के वकील ने भी अपना पक्ष रखा था। भंवरकुआं पुलिस ने पिछले वर्ष एक फरवरी को इंद्रा कांप्लेक्स नौलखा से 10 महिला और पुरुषों को आपत्तिजनक अवस्था में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया कि यहां लंबे समय से अवैध गतिविधियां चल रही थी। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून) ने पुलिस आयुक्त को प्रतिवेदन पेश कर फ्लैट मालिक पर कार्रवाई के लिए लिखा। आयुक्त न्यायालय ने महीनों सुनवाई की और पिछले महीने आदेश जारी कर एक वर्ष के लिए रहने, बेचने पर रोक लगा दी।

कोर्ट ने आदेश में लिखा- कोचिंग संस्थानों पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

कोर्ट ने पाया कि फ्लैट उमा पति राजा सारड़ा और हर्ष पुत्र राजा सारड़ा निवासी स्कीम-74 विजय नगर के नाम पर है। उक्त फ्लैट को आरोपित संतोष उर्फ रमाकांत चौरसिया ने अगस्त 2014 में किराए पर लिया था। इस फ्लैट के आसपास कार बाजार, कोचिंग संस्थान, बस स्टैंड 200 मीटर की दूरी पर ही है। इससे समाज में प्रतिकूल असर पड़ता है।

फ्लैट मालिक के वकील की दलील नहीं मानी

अनावेदक के वकील सजल तिवारी ने कहा कि फ्लैट मालिक उमा कई सालों से पुणे (महाराष्ट्र) रहती हैं। उन्हें अवैध गतिविधियों की जानकारी नहीं थी। जानकारी मिलते ही फ्लैट को खाली करवा लिया गया है। आयुक्त ने कहा कि अनावेदक के दो फ्लैट हैं। सालों पूर्व खरीदे गए थे। जाहिर है उनके इमारत में रहने वाले लोगों से मधुर संबंध होंगे।उन्हें ऐसे क्रियाकलाप की जानकारी मिली होगी। आयुक्त ने फ्लैट मालिक की सहमति मानी और आदेश जारी कर दिए।