इस्लामाबाद । पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में अहम आंकड़े पेश किए हैं। पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण 2022/23 के अनुसार, देश की वास्तविक जीडीपी में केवल 0.29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कृषि क्षेत्र में 1.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि उद्योगों में 2.94 प्रतिशत की गिरावट आई। पाक जीडीपी में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र में केवल 0.86 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। इस सर्वेक्षण में 30 जून को खत्म हो रहे वित्त वर्ष में राजनीतिक अस्थिरता और अभूतपूर्व बाढ़ के बीच सरकार की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया है।
हालाँकि, जैसा कि उन्होंने संख्याएँ प्रस्तुत कीं, वित्त मंत्री डार ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के निराशाजनक प्रदर्शन के बारे में कम और वैश्विक पर्यावरण और आर्थिक बुनियादी बातों पर अधिक बात की। डार ने एक राजनीतिक परियोजना (जो) 2010 में परिकल्पित की गई थी, 2018 में फली-फूली और 2022 में अपनी परिणति पर पहुंच गई उसके बारे में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पाक अर्थव्यवस्था जिसे कुछ वर्षों में जी-20 सदस्यता के लिए प्राथमिक माना जाता था। उन्होंने कहा कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरी-ए-इंसाफ के कारण अपनी स्थिति खो चुकी थी। हमें अब विकास को फिर से शुरू करना है जहां से इस 2017 में छोड़ दिया गया था। 
हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में कर संग्रह में उच्च वृद्धि के तौर पर सकारात्मक तथ्य भी सामने आया है। संघीय राजस्व बोर्ड ने जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 तक 5637.9 अरब रुपये का कर संग्रह किया जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 4855.8 अरब रुपये की तुलना में 16.1 प्रतिशत अधिक है। बता दें कि भारत की जीडीपी (जीडीपी) इन दिनों तेजी से बढ़ रही है। हाल में आए जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रही है।