नई ‎दिल्ली । जेवर एयरपोर्ट और प्रस्तावित फिल्म सिटी के बीच देश की पहली पॉड टैक्सी परियोजना को शासन ने मंजूरी दे दी है। पीपीपी मॉडल पर बनने वाली इस परियोजना के विकासकर्ता के चयन के लिए अगले सप्ताह ग्लोबल टेंडर जारी होंगे। 14.6 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। पॉड टैक्सी 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी। संचालन शुरू होने पर इससे रोजाना करीब आठ हजार यात्री सफर करेंगे। इस पर 641.53 करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है। परियोजना को मार्च, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यमुना प्राधिकरण ने परियोजना की डीपीआर केंद्र सरकार की कंपनी इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड से बनाई है। लखनऊ में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बिड इवैल्युवेशन कमेटी की बैठक हुई। इसमें वित्त और विधि विभाग के अधिकारियों के अलावा यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह भी शामिल हुए। बैठक में निविदा और अनुबंध पत्र को भी मंजूरी दी गई।पॉड टैक्सी कॉरिडोर एलिवेटेड होगा। एयरपोर्ट से प्रस्तावित फिल्म सिटी की दूरी छह किलोमीटर होगी। इस कॉरिडोर से औद्योगिक सेक्टर जुड़ेंगे। इसमें जेवर एयरपोर्ट, 60 मीटर रोड, 75 मीटर रोड, सेक्टर-32, सेक्टर-29, सेक्टर-33, सेक्टर-28 में दो और सेक्टर-21 में तीन समेत 12 स्टेशन बनेंगे।
जेवर एयरपोर्ट के चलते यहां आवाजाही के कई विकल्प होंगे। यमुना और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पहले से हैं। मुंबई एक्सप्रेसवे जोड़ा जा रहा है। एयरपोर्ट मेट्रो प्रस्तावित है। हाईस्पीड रेल भी गुजरेगी। अब पॉड टैक्सी चलाई जाएगी। इस परियोजना के लिए यमुना प्राधिकरण के पास पहले से जमीन मौजूद है। पॉड टैक्सी 60 और 75 मीटर चौड़ी रोड के किनारे-किनारे चलेगी। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि ग्लोबल टेंडर में भाग लेने के लिए दो महीने का समय रहेगा। इसमें विकासर्ता कंपनी को 35 साल का लाइसेंस दिया जाएगा। पॉड टैक्सी से यमुना प्राधिकरण के औद्योगिक सेक्टर भी जुड़ेंगे। औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी भी पॉड टैक्सी के जरिए अपने कार्यस्थल तक पहुंच सकेंगे।