भोपाल। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड यानि बीएचईएल ने 200 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए रुचि दिखाई है। वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण और उनका अगले 35 वर्षों तक रख-रखाव के लिए बीएचईएल और टीटागढ़ वैगन्स ने एक समझौते के तहत 58 000 करोड़ रुपए के अनुबंध के लिए बोली लगाई है। इस प्रोजेक्ट के लिए बीएचईएल के अलावा बोली लगाने की दौड़ में शामिल अन्य खिलाडिय़ों में फ्रांसीसी रेलवे प्रमुख एल्सटॉम, स्विस रेलवे रोलिंग स्टॉक निर्माता स्टैडलर रेल और हैदराबाद स्थित मीडिया सर्वो ड्राइव्स के बीच मेधा स्टैडलर कंसोर्टियम बीईएमएल के साथ सीमेंस और एक भारतीय फर्म के साथ रूसी रोलिंग स्टॉक निर्माता ट्रांसमाश होल्डिंग, टीएमएच शामिल है। उम्मीद की जा रही है कि वंदे भारत ट्रेन प्रीमियम राजधानी एक्सप्रेस सेवा से बड़ा अपग्रेड होगी। इन ट्रेनों के स्लीपर क्लास-वर्जन को नई दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-लखनऊ सहित अन्य रात भर की रेल यात्रा को कवर करने के लिए रूटों पर चलाया जाएगा। इससे पहले सेमी हाई स्पीड पर इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट के रूप में देश की पहली और दूसरी वंदे भारत ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में जम्मू-कश्मीर रूट पर नई दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-कटरा से हरी झंडी दिखाई थी। पहली वंदे भारत ट्रेन को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर हरी झंडी दिखाई गई और दूसरी नई दिल्ली-कटरा मार्ग पर राष्ट्रीय राजधानी से इन तीर्थ शहरों तक तेज रेल परिवहन सुविधा देने के लिए थी। इस बीच, रेल मंत्रालय दक्षिण अफ्रीका और यूरोपीय देशों के अंतरराष्ट्रीय बाजारों को कवर करने के लिए 2026 तक इन ट्रेनों के निर्यात की दिशा में काम कर रहा है।

अगले 45 दिनों में खोली जाएंगी निविदाएं
जानकारों का कहना है कि जहां 26000 करोड़ रुपए ट्रेनों की डिलीवरी पर अग्रिम भुगतान है, वहीं विजेता बोली लगाने वाले को 35 साल की अवधि में इन ट्रेनों के रख-रखाव के लिए 32000 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। वर्तमान में भारतीय रेलवे अनुबंध के लिए तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन कर रहा है। जबकि वित्तीय बोलियां अगले 45 दिनों में खोली जाएंगी।

24 महीने के भीतर तैयार करना होगा स्लीपर क्लास का प्रोटोटाइप
टेंडर दस्तावेज के मुताबिक सफल बोली लगाने वाले को 24 महीने के भीतर वंदे भारत ट्रेनों के लिए स्लीपर क्लास का प्रोटोटाइप तैयार करना होगा। विवरण के अनुसार रेलवे 2024 की पहली तिमाही तक वंदे भारत ट्रेन के पहले स्लीपर संस्करण को शुरू करने का लक्ष्य बना रहा है। अब तक 102 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण के लिए अनुबंध दिए गए थे, जो सभी चेयर कार हैं। भेल के पीआरओ विनोदानंद झा ने बताया कि बीएचईएल ने टीटागढ़ वैगन्स के साथ एमओयू साइन किया है। दोनों ने समझौते के तहत वंदे भारत ट्रेनों के आदेश के लिए निविदा में भागीदारी की है।