अप्रैल-जून की पहली तिमाही में राजकोषीय घाटा  बढ़कर 3.51 लाख करोड़ रुपये हो गया है।यह सालाना बजट अनुमान का करीब 21.2 फीसदी है, जो एक साल पहले 18.2 फीसदी था। जबकि कर  संग्रह अनुमान से ज्यादा बढ़ा है। फरवरी में पेश बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्तवर्ष के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी के मुकाबले 6.4% का लक्ष्य रखा था। पिछले वित्तवर्ष में यह 6.71% था। टैक्स की प्राप्ति 5.96 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 26.1% है। कुल खर्च इस दौरान 9.48 लाख करोड़ था जो बजट अनुमान का 23.6% है। सरकार ने चालू वित्तवर्ष के लिए 16.61 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है।अप्रैल-जून, 2021 में केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2.74 लाख करोड़ रुपये था। उसकी तुलना में इस बार अप्रैल-जून में यह 28.3 फीसदी बढ़ गया। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि एक्साइज ड्यूटी में कटौती के कारण वित्तवर्ष 2023 में सरकार के राजस्व में 80,000 करोड़ रुपये की कमी देखने को मिल सकती है। जून, 2022 में एक्साइज ड्यूटी से मिलने वाला संग्रह 30,404 करोड़ रुपये रहा जो कि सालाना आधार पर 1.8 फीसदी कम है।