1 अप्रैल से चालू वित्त वर्ष के लिए रिटर्न भरने की शुरुआत होगी |  अगर आप टैक्स के दायरे में आते हैं तो टैक्स सेविंग के बारे में उचित जानकारी जरूरी है |  इन उपायों की मदद से टैक्स का बोझ कम किया जा सकता है |  बच्चे कल के भविष्य हैं |  ऐसे में हर माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य पर खुलकर निवेश करते हैं |  पढ़ाई-लिखाई के दौरान किसी तरह की समस्या नहीं हो, इसकी तैयारी शुरू से की जाती है |  इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि कैसे बच्चों पर निवेश की मदद से उनके भविष्य के साथ-साथ अपने टैक्स के लाएबिलिटी को भी कम किया जा सकता है |  

  • अगर आपका बच्चा नाबालिग है यानी उसकी उम्र 18 साल से कम है तो उसके नाम पर पब्लिक प्रोविडेंट फंड खुलवाया जा सकता है |  पब्लिक प्रोविडेंट फंड में एक वित्त वर्ष में 1 | 5 लाख रुपए तक निवेश किया जा सकता है |  इसकी मैच्योरिटी 15 सालों की होती है |  पीपीएफ पर निवेश करने पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का भी लाभ मिलता है |  
  • अगर आप अपने बच्चों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाते हैं तो भी टैक्स में राहत मिलेगी |  बच्चों के नाम पर जो बैंक अकाउंट होगा उससे होने वाली 1500 रुपए तक इंट्रेस्ट इनकम टैक्स फ्री होगी |  इसका फायदा दो बच्चों पर भी उठाया जा सकता है |  तीसरे बच्चे के लिए टैक्स में कोई राहत नहीं है |  बच्चों के बैंक अकाउंट की इंट्रेस्ट इनकम पर सेक्शन 10 (32) के तहत राहत मिलती है |  
  • बच्चों की ट्यूशन फीस पर भी टैक्स में राहत मिलती है |  सेक्शन 80सी के तहत ट्यूशन फीस के नाम पर 1. 5 रुपए तक डिडक्शन का लाभ मिलता है |  यह दो बच्चों के लिए लागू है |  
  • अगर आप नौकरी करते हैं तो दो बच्चों के नाम पर 100-100 रुपए प्रति महीना एजुकेशन अलाउंस का लाभ उठा सकते हैं |  होस्टल खर्च के नाम पर 300-300 रुपए प्रति महीना का लाभ उठा सकते हैं |  इसका फायदा सेक्शन 10सी के तहत मिलता है |  
  • अगर बच्चों ने हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो भी रीपेमेंट करने पर टैक्स में लाभ मिलता है |  सेक्शन 80ई के तहत एजुकेशन लोन रीपेमेंट करने पर इंट्रेस्ट पार्ट पर डिडक्शन का लाभ मिलता है |  पैरेंट्स भी इस डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं |  इसमें डिडक्शन की कोई अपर लिमिट नहीं है |  लोन रीपेमेंट शुरू करने के आठ सालों तक डिडक्शन का लाभ उठाया जा सकता है |