गुजरात राष्ट्रीय खेलों में 10 खिलाड़ी डोप में फंस गए हैं, इनमें सात पदक विजेता शामिल हैं। यह पहली बार है जब लॉन बाउल्स का भी खिलाड़ी देश में पहली बार डोप में फंसा है। वहीं राष्ट्रमंडल खेलों की पदक विजेता जिम्नास्ट दीपा कर्माकर पर 21 माह का प्रतिबंध लगा दिया गया है। वह 11 अक्तूबर, 2021 को बीटा-2 एगोनिस्ट हिगेनामाइन के लिए डोप में फंसी थीं। उनका प्रतिबंध इस साल 10 जुलाई को समाप्त होगा।

कुश्ती में एक ही वजन के स्वर्ण, रजत विजेता निकले पॉजिटिव

गुजरात में 29 सितंबर से 12 अक्तूबर को आयोजित इन खेलों में नाडा की ओर से सैंपलिंग की गई थी। राष्ट्रीय डोप टेस्ट लैबोरेटरी की टेस्टिंग में दो वेटलिफ्टर, दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता संजीता चानू, चंडीगढ़ की वीरजीत कौर डोप में फंसी हैं। दोनों ने गुजरात में रजत जीते थे। 

कुश्ती में 97 किलो में स्वर्ण जीतने वाले हरियाणा के दीपांशु और रजत जीतने वाले रवि राजपाल स्टेरायड मिथेंडियोनॉन के लिए, 100 मीटर में कांस्य जीतने वाली महाराष्ट्र की डियांड्रा स्टेरायड स्टेनोजोलॉल के लिए, लॉन बॉउल में एकल का रजत जीतने वाले पश्चिम बंगाल के सोमेन बनर्जी डाइयूरेटिक्स, एपलेरेनॉन के लिए और फुटबाल का कांस्य जीतने वाली केरल की टीम के सदस्य विकनेश बीटा-2 एगोनिस्ट टरब्यूटालाइन के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं।

आठ पर लगा अस्थाई प्रतिबंध

सात पदक विजेताओं के अलावा साइकलिस्ट रुबेलप्रीत सिंह, जुडोका नवरूप कौर और वूशु खिलाड़ी हर्षित नामदेव भी डोप में फंसे हैं। इन 10 में से आठ खिलाडिय़ों पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया है। विकनेश और सोमेन बनर्जी पर अस्थाई प्रतिबंध नहीं लगा है। उनके नमूने में वाडा की स्पेसीफाइड सूची में शामिल स्टीमुलेंट और बीटा-2 एगोनिस्ट पाए गए हैं।

दीपा का आउट ऑफ कंपटीशन टेस्ट हुआ था

अंतरराष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (आईटीए) के अनुसार दीपा कर्माकर का नमूना अंतरराष्ट्रीय जिम्नास्टिक महासंघ की ओर से आउट ऑफ कंपटीशन (टूर्नामेंट से बाहर) लिया गया था। इस मामले को केस समाधान समझौते के तहत सुलझाते हुए उन पर 21 माह का प्रतिबंध लगाया गया है। 11 अक्तूबर, 2021 के बाद से उनके सभी परिणामों को निरस्त कर दिया गया है।